अपडेटेड 7 June 2024 at 11:43 IST

आरबीआई ने लगातार आठवीं बार रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा, वृद्धि दर अनुमान बढ़ाया

Reserve Bank of India: आरबीआई ने लगातार आठवीं बार रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।

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RBI Governor Shaktikanta Das
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास | Image: PTI

Reserve Bank of India: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की दूसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार आठवीं बार नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। महंगाई को टिकाऊ स्तर यानी चार प्रतिशत पर लाने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से नीतिगत दर को यथावत रखा गया है।

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बुधवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की शुक्रवार को जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि इसके साथ एमपीसी सदस्यों ने लक्ष्य के अनुरूप खुदरा महंगाई को लाने के लिए उदार रुख को वापस लेने के अपने निर्णय को भी कायम रखने का फैसला किया है।

केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के अनुमान को सात प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत पर कर दिया है।

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चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 4.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। पहली तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

रेपो वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इसका उपयोग करता है। रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में बदलाव की संभावना कम है।

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आरबीआई को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।

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Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 7 June 2024 at 10:36 IST