अपडेटेड 9 July 2024 at 22:52 IST
UPI: अमेजन पे इंडिया यूपीआई पारिस्थितिकी तंत्र में अपनी बाजार हिस्सेदारी को लेकर चिंतित नहीं है। कंपनी डिजिटल भुगतान क्षेत्र में अवसर पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है।
अमेजन पे के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विकास बंसल ने एक सवाल के जवाब में यह बात कही। उनसे दिसंबर, 2024 तक किसी एक इकाई की बाजार हिस्सेदारी को 30 प्रतिशत तक सीमित करने के एनपीसीआई दिशानिर्देश के बारे में पूछा गया था।
उन्होंने कंपनी के एक कार्यक्रम में संवाददाताओं से कहा, ‘‘अवसर इतना बड़ा और व्यापक है कि अब भी कई खिलाड़ियों को इसमें भूमिका निभानी है। इसलिए, मैं हिस्सेदारी के बारे में कभी चिंतित नहीं होता, और किसके पास कितना है। मुझे इस बात की चिंता है कि क्या मैं ग्राहक को सर्वश्रेष्ठ दे सकता हूं और हमारे सामने कितने अवसर हैं।’’
बंसल ने कहा कि कई मोर्चों पर कंपनी को बड़ी संख्या में ग्राहक बनाने में बहुत सफलता मिली है, और ऐसी जगहें हैं जहां कंपनी प्रगति कर रही है। उन्होंने विशिष्ट नीतिगत हस्तक्षेपों का उल्लेख करने से इनकार किया, जो राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के लक्ष्यों को हासिल करने में यूपीआई ऐप पारिस्थितिकी तंत्र की मदद कर सकते हैं।
गौरतलब है कि एनपीसीआई ने प्रणाली को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि दिसंबर, 2024 तक कोई भी तृतीय पक्ष ऐप भुगतान बाजार में 30 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी न रखे। इस समय फोनपे और गूगल पे की बाजार हिस्सेदारी इस सीमा से अधिक है। इन दोनों का बाजार के 85 प्रतिशत से अधिक हिस्से पर कब्जा है।
बंसल ने कहा कि ‘अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें’ (बीएनपीएल) का चलन भारत जैसे देश में बढ़ेगा, लेकिन इसपर जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
पब्लिश्ड 9 July 2024 at 22:52 IST