अपडेटेड 26 June 2024 at 18:23 IST

चालू वित्त वर्ष में सात प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था : एनसीएईआर

एनसीएईआर ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात प्रतिशत से अधिक और 7.5 प्रतिशत के आसपास रहेगी।

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Indian economy grow
Indian economy grow | Image: PTI

सामान्य से बेहतर मानसून की उम्मीद और अबतक कोई ज्ञात वैश्विक जोखिम नहीं होने के कारण भारत की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष (2024-25) में सात प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ेगी। आर्थिक शोध संस्थान एनसीएईआर ने यह अनुमान लगाया है।

एनसीएईआर ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात प्रतिशत से अधिक और 7.5 प्रतिशत के आसपास रहेगी।

घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है- NCAER

आर्थिक शोध संस्थान ने अपनी मासिक समीक्षा में कहा कि प्रमुख आर्थिक संकेतकों से पता चलता है कि घरेलू अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और सभी एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि अनुमान में संशोधन किया है।

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नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लायड इकनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की महानिदेशक पूनम गुप्ता ने कहा, “चालू वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी की वृद्धि दर सात प्रतिशत से अधिक तथा 7.5 प्रतिशत के करीब हो सकती है।”

गुप्ता ने कहा कि यह संभावना पहली तिमाही में देखी गई आर्थिक गतिविधियों में तेजी, निवेश, वृद्धि और व्यापक आर्थिक स्थिरता पर गहन नीतिगत ध्यान और सामान्य मानसून की उम्मीदों पर आधारित है।

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मौद्रिक नीति को और कड़ा किए जाने की संभावना नहीं है- NCAER

उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति के चरम पर पहुंचने के साथ ही मौद्रिक नीति को और कड़ा किए जाने की संभावना नहीं है। “अंततः, वैश्विक वातावरण भी अनुकूल प्रतीत होता है, क्योंकि अबतक कोई ज्ञात वैश्विक जोखिम नहीं है।”

गुप्ता ने कहा कि खाद्य कीमतों पर काबू पाना एक चुनौती है। उन्होंने कहा, “इस समस्या से निपटने के लिए एक व्यापक नीतिगत ढांचे की जरूरत हो सकती है, जिसमें जलवायु-अनुकूल खाद्य आपूर्ति का निर्माण करना तथा डिब्बा बंद और संरक्षित खाद्य आपूर्ति की ओर धीरे-धीरे बदलाव करना शामिल है, ताकि समय-समय पर आपूर्ति और मांग के बीच के अंतर को पाटा जा सके।”

इसी महीने, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। खुदरा मुद्रास्फीति मई में घटकर 12 महीने के निचले स्तर 4.7 प्रतिशत पर आ गई, हालांकि खाद्य मुद्रास्फीति ऊंची बनी रही।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 26 June 2024 at 18:23 IST