अपडेटेड 17 August 2024 at 21:57 IST

IMF की अधिकारी ने दे दिया देश को आगे बढ़ाने का फॉर्म्यूला? एजूकेशन सिस्टम पर कही ये बात

IMF अधिकारी गीता गोपीनाथ ने भारत में निजी निवेश को लेकर कहा कि सरकारी निवेश तो अच्छा जा रहा है लेकिन निजी निवेश को और मजबूत बनाने की जरूरत है।

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India needs job creation, more reforms to be growth-oriented: Gita Gopinath
IMF की अधिकारी ने दे दिया देश को आगे बढ़ाने का फॉर्म्यूला? | Image: Gita Gopinath X handle

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रथम उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ (Geeta Gopinath) ने शनिवार को कहा कि भारत रोजगार सृजन के मामले में जी-20 देशों में पिछड़ा हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए देश को 2030 तक 14.8 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां पैदा करने की जरूरत है। उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के हीरक जयंती कार्यक्रम में कहा कि 2010 से शुरू होने वाले दशक में भारत की औसत वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत रही, लेकिन रोजगार दर दो प्रतिशत से कम रही।

गोपीनाथ ने कहा कि इसलिए भारत की रोजगार दर, अन्य जी-20 देशों की तुलना में काफी कम है। उन्होंने कहा, 'यदि आप जनसंख्या वृद्धि के लिहाज से भारत के अनुमानों को देखें, तो भारत को अब से लेकर 2030 तक कुल मिलाकर छह करोड़ से 14.8 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां पैदा करनी होंगी... हम पहले से ही 2024 में हैं, इसलिए हमें कम समय में बहुत सारी नौकरियां पैदा करनी होंगी।'


भारतीय शिक्षा प्रणाली पर बोलीं गोपीनाथ

गीता गोपीनाथ ने भारत में निजी निवेश को लेकर कहा कि सरकारी निवेश तो अच्छा जा रहा है लेकिन निजी निवेश को और मजबूत बनाने की जरूरत है। उनका मानना है कि भारत को इस समय सबसे ज्यादा अपनी शिक्षा प्रणाली को बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश की शिक्षा प्रणाली को ऐसा बनाना होगा जिससे श्रमबल को और ज्यादा कौशलपूर्ण बनाया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को और बढ़ाने की भी बात कही। उन्होंने आगे कहा है कि भारत के कार्यबल की शिक्षा अन्य देशों की तुलना में काफी कम है, इसलिए ये जरूरी है कि देश में स्किल डेवलपमेंट के लिए बड़े स्तर पर काम किया जाए।  


बताया ज्यादा नौकरियां पैदा करने का मंत्र

भारत में भूमि सुधार और श्रम संहिताओं को लागू करने सहित बुनियादी सुधारों की जरूरत होगी। उन्होंने कहा कि अधिक नौकरियां पैदा करने के लिए निजी निवेश में वृद्धि की जरूरत है, क्योंकि यह सकल घरेलू उत्पाद में सात प्रतिशत वृद्धि के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक निवेश अच्छा चल रहा है, लेकिन निजी निवेश में सुधार करना होगा। गोपीनाथ ने यह भी कहा कि भारत को अपनी शिक्षा प्रणाली में सुधार करना चाहिए, ताकि वह अपने कार्यबल का कौशल विकास कर सके।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 17 August 2024 at 21:57 IST