अपडेटेड 5 April 2024 at 14:43 IST
GDP से लेकर विदेशी मुद्रा और EMI तक... RBI MPC के ऐलान में गवर्नर ने बताई 10 बड़ी बातें
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश की।
Edited by:
Kanak Kumari Jha
- बिजनेस न्यूज
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RBI | Image:
Shutterstock
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश की। इसकी मुख्य बातें इस प्रकार हैं-
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- प्रमुख नीतिगत दर रेपो 6.5 प्रतिशत पर कायम।
- 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर का अनुमान सात प्रतिशत पर बरकरार। यह 2023-24 के 7.6 प्रतिशत के अनुमान से कम है।
- चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 4.5 प्रतिशत पर रहने का अनुमान। यह 2023-24 के 5.4 प्रतिशत के अनुमान से कम है।
- खाद्य कीमतों पर अनिश्चितताएं मुद्रास्फीति के परिदृश्य को प्रभावित करेंगी।
- ग्रामीण मांग बढ़ने से 2024-25 में उपभोग से आर्थिक वृद्धि को समर्थन मिलने की उम्मीद।
- सामान्य मानसून की उम्मीद के बीच रबी गेहूं की अच्छी फसल तथा खरीफ फसल की संभावनाएं बेहतर होने से कृषि, ग्रामीण गतिविधियों का परिदृश्य बेहतर।
- मजबूत ग्रामीण मांग, मुद्रास्फीति का दबाव कम होने और विनिर्माण और सेवा गतिविधियों में तेजी से निजी खपत को प्रोत्साहन मिलेगा।
- लंबे समय तक भू-राजनीतिक तनाव और व्यापार मार्गों में बढ़ते व्यवधानों से उत्पन्न होने वाली प्रतिकूल परिस्थितियां परिदृश्य के लिए जोखिम।
- वृद्धि की मजबूत रफ्तार के साथ 2024-25 के लिए जीडीपी अनुमान से आरबीआई के लिए मूल्य स्थिरता के मोर्चे पर ध्यान देने की नीतिगत गुंजाइश।
- अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में सॉवरेन हरित बॉन्ड के कारोबार की अनुमति
- सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा भागीदारी की सुविधा के लिए एक मोबाइल ऐप पेश किया जाएगा।
- यूपीआई के जरिये बैंकों में नकदी जमा करने की सुविधा मिलेगी।
- गैर-बैंक भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों को सीबीडीसी (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) वॉलेट की पेशकश करने की अनुमति
- विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का शुद्ध प्रवाह 2023-24 के दौरान 41.6 अरब अमेरिकी डॉलर रहा। यह 2014-15 के बाद दूसरा सबसे ऊंचा एफपीआई प्रवाह है।
- भारत दुनिया में रेमिटेंस या धन प्रेषण पाने में सबसे आगे।
- 2024-25 में चालू खाते घाटा एक ऐसे स्तर पर रहेगा जो व्यवहार्य और उल्लेखनीय रूप से प्रबंधन के दायरे में होगा।
- भारतीय रुपया अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा की तुलना में 2023-24 में एक दायरे में रहा।
- वित्त वर्ष 2023-24 में रुपया प्रमुख मुद्राओं में सबसे स्थिर रहा।
- अगली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक पांच से सात जून को होगी।
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 5 April 2024 at 14:43 IST