Published 20:28 IST, August 27th 2024
देश के 150 जिलों में रहते हैं 5 लाख से अधिक आमदनी वाले परिवार, रिपोर्ट में किया गया दावा
आंकड़ा विश्लेषण फर्म क्लैरिटीएक्स की इस रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले चार वर्षों में पूरे देश में समृद्धि 17 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
पांच लाख रुपये और उससे अधिक की वार्षिक आय वाले अधिकतर परिवार देश के करीब 150 जिलों में ही रहते हैं। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है। मैपमाइइंडिया-समर्थित आंकड़ा विश्लेषण फर्म क्लैरिटीएक्स की इस रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले चार वर्षों में पूरे देश में समृद्धि 17 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘पांच लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले 60 प्रतिशत परिवार देश के शीर्ष 20 प्रतिशत (लगभग 150) जिलों में मौजूद हैं और अखिल भारतीय जिला औसत से ऊपर के कुल जिलों में से दो-तिहाई पश्चिमी भारत में हैं। इनमें सबसे तेजी से बढ़ते जिलों की हिस्सेदारी भी सबसे अधिक है।’’
जिलों की संख्या बढ़कर हुई 788
रिपोर्ट में आय वितरण, स्वास्थ्य सेवा जैसे सामाजिक प्रोत्साहन, प्रति व्यक्ति शिक्षा सुविधाएं, बुनियादी ढांचे की उपलब्धता, बैंकिंग कवरेज जैसी वित्तीय गतिविधियों जैसे सामाजिक-आर्थिक संकेतकों के आधार पर जिलों की वृद्धि को मापा गया है। इन संकेतकों के इस्तेमाल से जिला संभावना सूचकांक (डीपीआई) तैयार किया जाता है। जिलों की वृद्धि को मापने के लिए 2019 के डीपीआई स्कोर की तुलना 2023 के साथ की गई है। भारत में जिलों की संख्या 2019 के 723 से बढ़कर 788 हो गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु शहरी और हैदराबाद जिले 2023 में सभी 788 जिलों में उच्चतम स्कोर के साथ शीर्ष दो स्थानों पर रहे हैं। मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में झारखंड और त्रिपुरा सबसे अधिक वृद्धि दर्शाने वाले राज्यों के रूप में उभरे हैं। सबसे तेजी से बढ़ने वाले पंजाब, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे कुछ राज्य उत्तरी क्षेत्रों के हैं। रिपोर्ट कहती है कि स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जहां प्रति 1,000 लोगों पर स्वास्थ्य सुविधाओं की संख्या 263 से बढ़कर 903 हो गई है।
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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Updated 20:28 IST, August 27th 2024