अपडेटेड 1 February 2025 at 07:43 IST
Budget 2025: बजट से 10 दिन पहले क्यों शुरू हो जाता है लॉक-इन पीरिएड? जान लजिए 1950 वाला वो वाक्या
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का यह पहला पूर्ण बजट है।
- बिजनेस न्यूज
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज,1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी। उनका बजट भाषण सुबह 11 बजे लोकसभा में शुरु होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट और बतौर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना आठवां बजट पेश करेंगी। इससे पहले हम आपको बताने जा रहे बजट से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें। बजट से 10 दिन पहले शुरू होने वाला लॉक-इन पीरिएड क्या है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करने जा रही है। मगर इसकी तैयारियां काफी पहसे शुरू हो गई थी। हल्वा सेरेमनी के बाद लॉक-इन पीरिएड शुरु हो जाता है। केंद्रीय बजट की सुरक्षा को लेकर खास इंतजाम किए जाते हैं, क्योंकि बजट दस्तावेजों की गोपनीयता को रखना बेहद जरूरी होता है, इसका लीक होना आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत दंडनीय है। यहां तक की वित्त मंत्री तक को इससे जुड़े कागज मंत्रालय के बाहर ले जाने की इजाजत नहीं होती है।
क्या होता है लॉक इन पीरियड?
बजट की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए इसे तैयार करने वाले 100 से ज्यादा अफसरों को 10 दिनों के लिए लॉक इन पीरिएड में रहना होता है। इस दोरान वो पूरी दुनिया से कट जाते हैं। इस दौरान उन्हें नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में बंद रखा जाता है। इस दौरान उन्हें अपने घर जाने और ना ही परिवार से बात करने की परमीशन होती है। जब तक बजट पेश नहीं हो जाता है इन्हें नियमों का पालन करना पड़ता है।
बजट के लिए लॉक इन पीरियड क्यों जरूरी?
बजट से जुड़ी कोई भी जानकारी संसद में पेश होने से पहले लीक न हो, इस मकसद से अधिकारियों को लॉक-इन अवधि में रखा जाता है। इस दौरान अधिकारियों को फोन तक का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं होती है और ना ही किसी बाहरी व्यक्ति से मिल सकते हैं। इंटरनेट के इस्तेमाल पर भी पाबंदी रहती है। इस दौरान अगर कोई अधिकारी बीमार पड़ जाए तो भी उसे बाहर जाने की इजाजत नहीं होती है। लॉक इन पीरियड के दौरान डॉक्टरों की एक टीम वहां पर मौजूद रहती है।
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1950 में क्या हुआ था
लॉक इन पीरियड शुरू होने के साथ ही नॉर्थ ब्लॉक की प्रेस में बजट की छपाई होने लगती है। बता दें कि 1950 तक बजट की छपाई राष्ट्रपति भवन में होती थी, लेकिन 1950 में बजट का कुछ हिस्सा लीक हो गया था,उस वक्त वित्त मंत्री जॉन मथाई थे। पता चला कि ये राष्ट्रपति भवन में छपाई होते समय लीक हुआ था। इसके बाद छपाई नई दिल्ली के मिंटो रोड स्थित स्थित प्रेस में होने लगी और फिर 1980 से नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में बनी प्रिटिंग प्रेस में ही इसकी छपाई होने लगी। 1951 से 1980 तक बजट मिंटो रोड स्थित एक प्रेस में ही छपता रहा। फिर 1980 से नॉर्थ ब्लॉक का बेसमेंट बजट छपाई का स्थान बन गया।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 1 February 2025 at 07:26 IST