अपडेटेड 1 February 2025 at 08:22 IST
Budget 2025: चमड़े के ब्रीफकेस से लाल कपड़ों में लिपटा बजट... जब 2019 में मोदी सरकार ने पुरानी परंपरा की जंजीर को तोड़ डाला
बजट के इतिहास को देखा जाए तो अब तक कई बदलाव हो चुके हैं, जिनमें कुछ परंपरागत थे तो कुछ नीतिगत। मोदी सरकार के कार्यकाल में भी बजट में कुछ बदलाव हुए।
- बिजनेस न्यूज
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। यह मोदी सरकार (Modi Government) के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट होगा। सुबह 11 बजे से वित्त मंत्री का बजट भाषण लोकसभा में शुरू होगा। इससे पहल PM मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक फिर 10 बजकर 40 मिनट पर संसद भवन में बैठक होगी और इसी बैठक में बजट कैबिनेट को मंजूरी दी जाएगी जहां से वित्तमंत्री बजट पेश करने के लिए लोकसभा पहुंचेंगी। मोदी सरकार के कार्यकाल में बजट में कई बदलाव किए गए हैं इनमें से एक है चमड़े के ब्रीफकेस की परंपरा को खत्म करें डिजिटल बजट की नई परंपरा लाना।
वैसे अगर बजट के इतिहास को देखा जाए तो अब तक कई बदलाव हो चुके हैं, जिनमें कुछ परंपरागत थे तो कुछ नीतिगत। मगर मोदी सरकार (Modi government) के कार्यकाल में बजट में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हुए जिनमें से एक था चमड़े के ब्रीफकेस की परंपरा को खत्म करना। भारत में आजादी के पहले से बजट को चमड़े के ब्रीफकेस में पेश करने की परंपरा थी। वित्त मंत्री यही ब्रीफकेस लेकर संसद पहुंचते थे। दशकों से आ चली आ रही इस परंपरा को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तोड़ा था। जब निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार में वित्त मंत्री का कार्यभार संभाला तो चमड़े के ब्रीफकेस की जगह वो लाल कपड़ें में बही-खाता रूपी बजट लेकर संसद पहुंची।
2019 में चमड़े के ब्रीफकेस की परंपरा टूटी
पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल 2019 में बतौर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रीफकेस की परंपरा को तोड़ीं थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चमड़े के ब्रीफकेस की जगह लाल कपड़ें में बही-खाता रूपी बजट लेकर संसद पहुंची थी। इसके कवर पर राष्ट्रीय अशोक स्तंभ बना हुआ था। जब इसे लेकर सवाल किया गया तो इस इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा था कि पश्चिमी गुलामी से आजादी का प्रतीक है। यह भारतीय परंपरा का हिस्सा है और यह बजट नहीं बही खाता है।
बजट पर लाल कपड़े का ही कवर क्यों चढ़ता है
दरअसल, लाल को एक शक्तिशाली रंग माना जाता है जो ऊर्जा, शक्ति और अधिकार का प्रतीक है। यह सूरज, अग्नि और जीवन से जुड़ा है। इस रंग को समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक के रूप भी माना जाता है। इसके अलावा बजट की प्रस्तुति में लाल रंग को वित्तीय हानि या घाटे का प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व भी माना जाता है। बता दें कि लाल रंग के कपड़े में बजट लाने की परंपरा सिर्फ भारत में ही नहीं है, कई अन्य देशों में भी बजट को लाल कपड़े या सूटकेस में ही प्रस्तुत किया जाता है।
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डिजिटल भारत का डिजिटल बजट
देश की सत्ता संभालने के बाद से ही नरेंद्र मोदी ने डिजिटल भारत (Digital India) पर भी जोर दिया है। देश का बजट पेश होने से पहले हर साल बजट की छपाई होती थी। 2021 और 2022 में कोरोना की वजह से डिजिटल बजट पेश किया गया। ये पहली बार था जब यूनियन बजट मोबाइल ऐप पर उपलब्ध कराया गया था। लोकसभा के सभी सदस्यों समेत अन्य सभी लोगों को भी बजट की डिजिटल कॉपियां दी गई।
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Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 1 February 2025 at 08:22 IST