अपडेटेड 15 July 2025 at 08:42 IST
'परमाणु युद्ध होने वाला था, वो तो मैंने सीजफायर करा दिया...', भारत-पाकिस्तान युद्ध को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप ने फिर थपथपाई अपनी पीठ
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की क्रेडिट लेने से पीछे नहीं हट रहे हैं। भारत सरकार द्वारा उनके दावे को खारिज करने के बाद भी एक बार फिर उन्होंने इसका श्रेय खुद को दिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाने का क्रेडिट खुद को दिया है। उन्होंने कहा कि यदि अमेरिका समय रहते हस्तक्षेप नहीं करता तो एक हफ्ते के भीतर दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध छिड़ जाता। ट्रंप ने फिर पुराना राग अलापते हुए कहा कि हमने दोनों देशों के साथ व्यापार को एक दबाव वाले हथियार की तरह इस्तेमाल करते हुए इस जंग को रुकवाया था।
डोनाल्ड ट्रंप पहले भी दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया है। हालांकि,भारत सरकार की ओर से हर बार उनके दावे को सिरे से खारिज किया गया है। मगर ट्रंप क्रेडिट लेने से पीछे नहीं हट रहे हैं। अब एक बार फिर उन्होंने इस जंग को रुकवाने का क्रेडिट लिया है। व्हाइट हाउस में नाटो के प्रमुख से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने पत्रकारों के सामने इस बात को दोहराया।
मैंने भारत-पाक में सीजफायर करा दिया-ट्रंप
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "हम युद्धों को सुलझाने में बहुत सफल रहे हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच जिस तरह से जंग चल रहा था, उससे तो 1 हफ़्ते में ही भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध छिड़ जाता। यह बहुत बुरी तरह से चल रहा था। हमने व्यापार के जरिए ऐसा किया। मैंने कहा था, जब तक आप इस मामले को सुलझा नहीं लेते, हम आपसे व्यापार के बारे में बात नहीं करेंगे..."
ट्रंप ने बताया दोनों देशों के कैसे किया राजी
ट्रंप ने आगे कहा, हम पूरी दुनिया में शांति का प्रयास कर रहे हैं। हमने कई युद्धों को रोकने में सफलता पाई है। भारत और पाकिस्तान के बीच जिस तरह से हालात बिगड़ रहे थे, अगर समय रहते हस्तक्षेप नहीं किया जाता, तो परमाणु युद्ध छिड़ सकता था। उन्होंने यह भी दावा किया कि व्यापार को एक दबाव वाले हथियार की तरह इस्तेमाल कर दोनों देशों को बातचीत की मेज पर लाया और स्थिति को शांत किया। उन्होंने इसे अपनी एक बड़ी कूटनीतिक जीत बताई।
भारत सरकार दावे को कर चुकी है खारिज
ट्रंप कई मौके पर यह दावा कर चुके हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार द्वारा इस दावे को हर बार सिरे से खारिज किया गया है। भारत की ओर से स्पष्ट रूप से कहा गया कि इस पूरे घटनाक्रम में अमेरिका या किसी अन्य देश की कोई भूमिका नहीं थी। सीजफायर की पेशकश सीधे पाकिस्तान के DGMO ने भारत के DGMO से बातचीत के माध्यम से की थी और यह दोनों देशों के सैन्य स्तर पर लिया गया एक आपसी फैसला था।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 15 July 2025 at 08:42 IST