अपडेटेड 12 August 2025 at 08:29 IST

Trump Tariff: क्या चीन से डर गए राष्ट्रपति ट्रंप? अमेरिका ने 90 दिनों के लिए बढ़ाई टैरिफ लागू करने की डेडलाइन

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर टैरिफ लागू करने की डेडलाइन बढ़ा दी है। राष्ट्रपति ने यह कदम पहले से दी गई डेडलाइन खत्म होने से तुरंत पहले उठाया है।

ट्रंप ने चीन पर टैरिफ की डेडलाइन बढ़ाई। | Image: AP/Canva

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर टैरिफ लागू करने की डेडलाइन बढ़ा दी है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन से डरकर टैरिफ लागू करने की डेडलाइन बढ़ाई? अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर चीन पर टैरिफ लागू करने की डेडलाइन बढ़ाने की जानकारी दी।

ट्रूथ पर राष्ट्रपति ट्रंप ने लिखा, "मैंने अभी-अभी एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं जो चीन पर टैरिफ निलंबन को और 90 दिनों के लिए बढ़ा देगा। समझौते के अन्य सभी तत्व अपरिवर्तित रहेंगे। इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद!"

पहले चीन पर 145 फीसदी तक लगाया था टैरिफ

बता दें, अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही तनाव है। दोनों देश एक-दूसरे पर बेलगाम टैरिफ लगाने की लगातार धमकिया दे रहा है। अप्रैल में, अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर 145 प्रतिशत का भारी-भरकम टैरिफ लगाया, वहीं चीन ने भी जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी उत्पादों पर 125 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया। हालांकि, मई में, स्विट्जरलैंड के जिनेवा में एक बैठक के दौरान दोनों देश अस्थायी रूप से टैरिफ कम करने पर सहमत हुए। अमेरिका ने अपने टैरिफ 145 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिए, जबकि चीन ने अपने टैरिफ 125 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिए।

AI चिप्स को लेकर नहीं बन रही बात

दरअसल, AI चिप्स को लेकर अमेरिका और चीन के बीच बात नहीं बन पा रही है। यही कारण है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने बातचीत करने और ट्रेड फाइनल करने के लिए डेडलाइन बढ़ा दी है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक बयान में कहा, "हमें उम्मीद है कि अमेरिका दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच हुई फोन कॉल में बनी महत्वपूर्ण सहमति का पालन करने के लिए चीन के साथ मिलकर काम करेगा।"

ट्रंप करेंगे आखिरी फैसला

उन्होंने आगे कहा कि बीजिंग को यह भी उम्मीद है कि वाशिंगटन "समानता, सम्मान और पारस्परिक लाभ के आधार पर सकारात्मक परिणामों के लिए प्रयास करेगा।" बता दें, जून में, दोनों देशों के प्रमुख आर्थिक अधिकारियों ने असहमती होने के बाद लंदन में बैठक की और अमेरिकी अधिकारियों ने अपने समकक्षों पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। नीति निर्माताओं की पिछले महीने स्टॉकहोम में फिर से बैठक हुई। हालांकि दोनों देश शुल्कों की बहाली को टालने की कोशिश करते दिख रहे थे, अमेरिकी व्यापार दूत जैमीसन ग्रीर ने पिछले महीने कहा था कि इस तरह के किसी भी विस्तार पर "अंतिम फ़ैसला" ट्रंप का होगा।

इसे भी पढ़ें: 'ट्रैरिफ बम' के जरिए प्रेशर बनाने के प्लान की निकली हवा... अब डोनाल्ड ट्रंप जाएंगे रूस, भारत को तेल बेचने के मुद्दे पर भी पुतिन से करेंगे बात?

Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 12 August 2025 at 07:11 IST