अपडेटेड 1 August 2025 at 13:21 IST
Trump Tariff: ट्रैरिफ वार पर ट्रंप के सामने चीन ने तरेरी आंखें, कहा- अमेरिका खुद रूस के साथ व्यापार कर रहा है, दबाव बनाना ठीक नहीं
अमेरिका टैरिफ के जरिए लगातार भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में चीन की ओर से अमेरिका को तगड़ा जवाब मिला है। चीन ने कहा कि अमेरिका आज भी रूस के साथ व्यापार कर रहा है तो दूसरे देश क्यों नहीं कर सकते।
एक तरफ भारत पर ट्रंप ने 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया तो वहीं दूसरी ओर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शुक्रवार को रूसी तेल के निरंतर आयात पर अपनी नाराजगी जाहिर की। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो के इस बयान पर चीन ने पलटवार करते हुए अमेरिका को करारा जवाब दिया।
इस बीच राहत की खबर ये है कि ट्रंप ने टैरिफ को लेकर बातचीत की डेडलाइन को 7 अगस्त तक बढ़ा दिया है। चीन ने कहा कि अमेरिका आज भी रूस के साथ व्यापार कर रहा है।
चीन ने अमेरिका को लेकर क्या कहा?
बता दें, इससे पहले ट्रंप सरकार ने कहा था कि वह प्रतिबंधित रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर 500% तक टैरिफ लगाएगा। ऐसे में अब चीन ने अमेरिका पर उसके टैरिफ के आधार पर पलटवार किया है।
इस मुद्दे पर बोलते हुए, संयुक्त राष्ट्र में चीन के उप-स्थायी प्रतिनिधि गेंग शुआंग ने कहा कि चीन अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पूर्ण अनुपालन करते हुए और किसी भी अंतर्राष्ट्रीय दायित्व का उल्लंघन किए बिना, रूस और यूक्रेन दोनों के साथ सामान्य ट्रेड रिलेशन बनाए हुए है। उन्होंने कहा, "चीन के वैध और कानूनी अधिकारों और हितों का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए।"
आज भी रूस के साथ ट्रेड कर रहा अमेरिका: चीन
गेंग शुआंग ने आगे इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका जो कहता है, उस पर अमल नहीं करता और कहा, "दरअसल, अमेरिका आज भी रूस के साथ व्यापार कर रहा है। अमेरिका के लिए ऐसा करना स्वीकार्य क्यों होना चाहिए, लेकिन दूसरों के लिए नहीं?"
अमेरिका पर बरसा चीन
बता दें, चीन की तरफ से यह बयान तब सामने आया है, जब ट्रंप ने भारत से आयात पर 25% टैरिफ लगाने और रूस से तेल की ख़रीद पर जुर्माना लगाने की बात कही है। इससे पहले, बुधवार को, चीन ने अमेरिका को लेकर कहा था कि ज़बरदस्ती और दबाव से कुछ हासिल नहीं होगा।
चीन राष्ट्र हितों की पूर्ति सुनिश्चित करेगा: गुओ जियाकुन
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने एक्स पर पोस्ट किया, "अमेरिका के इस सुझाव पर प्रतिक्रिया कि अगर चीन रूसी तेल ख़रीदना जारी रखता है तो वह टैरिफ बढ़ाएगा: चीन हमेशा अपनी ऊर्जा आपूर्ति को ऐसे तरीकों से सुनिश्चित करेगा जो हमारे राष्ट्रीय हितों की पूर्ति करते हों।"
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 1 August 2025 at 13:21 IST