अपडेटेड 9 March 2025 at 22:02 IST
सड़कों पर बिखरे पड़े शव, दफनाने वाला कोई नहीं, सीरिया गृह युद्ध की क्रूर घटनाएं
हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित कस्बों में से एक बानियास के स्थानीय लोगों ने कहा कि शव सड़कों पर बिखरे पड़े थे या घरों और इमारतों की छतों पर पड़े थे।
Syria Violence : मध्य पूर्व का देश सीरिया इस वक्त भीषण गृह युद्ध से जूझ रहा है। यह देश कई कारणों से वैश्विक सुर्खियों में रहा है, खासकर गृह युद्ध और मानवीय संकट के चलते। अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के वफादारों और सुरक्षाबलों के बीच जारी संघर्ष और इसके बाद हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर एक हजार के पार हो गई है। जिनमें लगभग 750 आम नागरिक शामिल हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही कई वीडियो में जमीन पर शव बिखरे पड़े दिखाई दे रहे हैं। लताकिया (Latakia) और टारटस (Tartous) में सैकड़ों लोग मारे गए, बढ़ते संघर्ष के कारण सीरिया में विभाजन गहराता जा रहा है। अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा ने बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा के बीच शांति की अपील की है। उन्होंने कहा कि "राष्ट्रीय एकता और घरेलू शांति को बनाए रखने की आवश्यकता है। हम एक साथ रह सकते हैं।"
एक हजार से अधिक मौत
सीरिया में सरकारी सेना हटाए गए राष्ट्रपति बशर अल-असद के वफादार लड़ाकों के साथ भिड़ रही हैं। यह लड़ाई गुरुवार को असद समर्थक लड़ाकों द्वारा सुरक्षा बलों पर हमलों के बाद शुरू हुई। ब्रिटेन स्थित युद्ध निगरानी संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, गुरुवार से लताकिया और टारटस में कम से कम 745 अलावी नागरिक मारे गए हैं, साथ ही सरकारी सुरक्षा बलों के करीब 125 सदस्य भी मारे गए हैं। इसके अलावा 148 असद समर्थक लड़ाके भी मारे गए। ऑब्जर्वेटरी ने बताया कि कुल मृतकों की संख्या 1,018 हो गई।
नई सरकार के लिए बड़ी चुनौती
सीरिया में 14 साल पहले शुरू हुए संघर्ष के बाद से यह हिंसा की सबसे घातक घटनाओं में से एक है। तटीय शहर लताकिया के आसपास के बड़े इलाकों में बिजली और पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई है और कई बेकरी बंद हो गई हैं। सीरिया में 3 महीने पहले असद को पद से हटाकर विद्रोहियों के कब्जा करने के 3 महीने बाद गुरुवार को शुरू हुई यह झड़प नई सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है।
कैसे शुरू हुई हिंसा?
सरकार ने कहा कि वह असद के समर्थकों द्वारा किए गए हमलों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। उन्होंने बड़े पैमाने पर हुई इस हिंसा के लिए अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा की गई कार्रवाइयों को जिम्मेदार ठहराया। सीरिया में हालिया झड़पें तब शुरू हुईं, जब सुरक्षाबलों ने तटीय शहर जबलेह के पास एक वांछित व्यक्ति को हिरासत में लेने की कोशिश की। इस दौरान असद के वफादारों ने उन पर घात लगाकर हमला कर दिया।
घरों के दरवाजे पर मारी गोली
नई सरकार के प्रति वफादार सुन्नी मुस्लिम बंदूकधारियों ने शुक्रवार को असद के समर्थक अल्पसंख्यक अल्वियत समुदाय के लोगों की हत्याएं शुरू की थीं। लेकिन यह हयात तहरीर अल-शाम के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि इसी धड़े के नेतृत्व में विद्रोही समूहों ने असद के शासन का तख्तापलट कर दिया था। अल्वियत संप्रदाय के गांवों और कस्बों के निवासियों ने समाचार एजेंसी ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (AP) को बताया कि बंदूकधारियों ने अल्वियत समुदाय के अधिकतर पुरुषों को सड़कों पर या उनके घरों के दरवाजे पर ही गोली मार दी।
सड़कों पर बिखरे पड़े शव
स्थानीय लोगों ने बताया कि अलग-अलग इलाकों में अल्वियत लोगों के कई घरों को लूट लिया गया और फिर उनमें आग लगा दी गई। हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित कस्बों में से एक बानियास के स्थानीय लोगों ने कहा कि शव सड़कों पर बिखरे पड़े थे या घरों और इमारतों की छतों पर पड़े थे और उन्हें उठाकर दफनाने के लिए कोई नहीं था।
शवों को हटाने से रोका
इस संबंध में एक व्यक्ति ने बताया कि बंदूकधारियों ने नजदीक से गोली मारकर कत्ल किए गए 5 लोगों के शवों को हटाने से लोगों को घंटों तक रोके रखा। अपने परिवार को लेकर घर छोड़कर भागे 57 साल के अली शेहा ने न्यूज एजेंसी को फोन पर बताया कि बानियास के एक मोहल्ले में कम से कम 20 लोगों की हत्या कर दी गई। उनके मुताबिक, कुछ की हत्या उनकी दुकानों में या उनके घरों में की गई। इस मोहल्ले में अल्वियत लोग रहते हैं।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 9 March 2025 at 22:02 IST