अपडेटेड 8 August 2025 at 11:49 IST
पुतिन का इंडिया दौरा और चीन की भारत से बढ़ती नजदीकियां... 'टैरिफ बम' फोड़ने वाले डोनाल्ड ट्रंप की क्यों बढ़ेगी टेंशन?
एक तरफ रूसी राष्ट्रपति का भारत दौरा, तो वहीं 7 साल बाद पीएम मोदी चीन पहुंचने वाले हैं। चीन और भारत के बीच बढ़ती नजदीकी और रूस के राष्ट्रपति का भारत आना अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की टेंशन बढ़ा सकता है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ बम फोड़ना खुद को ही महंगा पड़ गया। दरअसल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर आने वाले हैं। वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करीब 7 साल बाद SCO समिट में शामिल होने के लिए चीन के दौरे पर जा रहे हैं। भारत और ब्राजील समेत ब्रिक्स देशों पर टैरिफ बम फोड़ने वाले राष्ट्रपति ट्रंप की बेचैनी बढ़ने वाली है।
अपनी शर्तों के हिसाब से व्यापार करने के लिए अमेरिका भारत पर लगातार टैरिफ के जरिए दबाव बनाने की जद में लगा है। वहीं भारत भी अमेरिका का सामने ना झुकने का इरादा कर लिया है। ऐसे समय में अमेरिका अपने साझेदारों के संबंध में करवाहट ला रहा है। अमेरिका को इसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
अमेरिका को किनारा करने में जुटे तमाम देश
बता दें, सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के अन्य देश भी अब आपसी व्यापार को बढ़ावा देने की ओर विचार कर रहे हैं। जिस तरह से अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप मनमाना टैरिफ लगाकर तमाम देशों पर दबाव बना रहे हैं, इस वजह से अब अमेरिका से किनारा करना एक बेहतर विकल्प नजर आ रहा है। इसका ताजा उदाहरण BRICS है।
बीते दिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने ब्राजील पर 50 फीसदी का टैरिफ लागू करते हुए कहा कि अगर इसे कम करना है तो लूला को फोन पर बात करनी चाहिए। वहीं ब्राजील के राष्ट्रपति ने ट्रंप के सामने झुकने से इनकार कर दिया। उन्होंने सीधे शब्दों में कहा कि अगर मुझे फोन करना होगा तो भारत को करूंगा ना कि अमेरिका को। और ठीक ऐसा ही देखने को भी मिला। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने पीएम मोदी से करीब 1 घंटे फोन पर बात की।
चीन ने भी अमेरिका को लताड़ा
पीएम मोदी के चीन दौरे से पहले अमेरिका की चालाकियों को लेकर चीन ने भी उसे जमकर लताड़ा है। बता दें, चीन में SCO समिट होने जा रहा है, जिसमें पीएम मोदी शामिल हो रहे हैं। वहीं पुतिन के भी इस समिट में शामिल होने की चर्चा हो रही है। हालांकि, क्रेमलिन की ओर से इसे लेकर अबतक कोई भी पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में जो चर्चा चल रही है, वह सही हो गया, तो ट्रंप की बेचैनी हद से ज्यादा बढ़ जाएगी। अंदेशा है कि ट्रंप का टैरिफ बम कहीं रूस-भारत-चीन को साथ लेकर ना आ जाए।
चीन ने अमेरिका को पछाड़ा
वैसे में चीन अमेरिका को कई मामलों में टक्कर दे रहा है। कई क्षेत्रों में ड्रैगन अमेरिका को पछाड़कर आगे निकल चुका है। चीन आज के समय में विकास के पथ पर तेजी से उभर रहा है। ऐसे में अगर ये तीनों देश महामिलन कर लेते हैं, तो अमेरिका के लिए ट्रंप की टैरिफ नीति पूरी तरह से फेल हो जाएगी।
रुपए पर बेअसर हुआ ट्रंप का टैरिफ बम
भारत की इकोनॉमी को डेड बताने वाले राष्ट्रपति ट्रंप को शायद इस बात की खबर ना हो कि उनका टैरिफ बम रुपए पर लगातार बेअसर हो रहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक शेयर बाजार में गिरावट के बाद भी रुपया लागतार मजबूत हो रहा है। तमाम स्थिति को देखते हुए डॉलर का दबदबा कम होने के आसार नजर आ रहे हैं। चीन जिस तरह से आगे बढ़ रहा है, अमेरिका वैसे भी कई सेक्टरों में अपनी पकड़ खोता हुआ नजर आ रहा है।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 8 August 2025 at 11:49 IST