अपडेटेड 9 May 2024 at 12:56 IST

अमेरिका पर रूस की दो टूक-भारत में लोकसभा चुनावों में दखल देने की कर रहा कोशिश, पन्नू को लेकर ये दावा

रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, "अमेरिका बेबुनियाद आरोप लगाकर भारत का अपमान कर रहा है।"

पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन (फाइल) | Image: PTI

Russia Dismiss US Accusations: रूस ने अमेरिका की इस हरकत को भारतीय लोकसभा चुनाव में दखलअंदाजी की कोशिश करार दिया है। अमेरिका ने दावा किया था अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम कोशिश भारत ने की थी। इन आरोपों को ही रूस ने खारिज कर दिया है, रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि वाशिंगटन ने अब तक कोई "विश्वसनीय जानकारी" या "सबूत" नहीं दिया है।

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने आरोप लगाया कि अमेरिका भारत में "आंतरिक राजनीतिक स्थिति को असंतुलित" करने और चल रहे आम चुनावों को "जटिल" बनाने की कोशिश के तहत ऐसा कहा है। उन्होंने कहा, "हमारे पास जो जानकारी है, उसके अनुसार वाशिंगटन ने अभी तक किसी जीएस पन्नू की हत्या की तैयारी में भारतीय नागरिकों की संलिप्तता का कोई ठोस सबूत नहीं प्रस्तुत किया है। सबूत के अभाव में इस विषय पर अटकलें अस्वीकार्य हैं।"

अमेरिका की समझ पर रूस ने उठाए सवाल

मारिया ज़खारोवा के मुताबिक अमेरिका राष्ट्रीय मानसिकता के साथ-साथ भारतीय राज्य के विकास के ऐतिहासिक संदर्भ को नहीं समझता है और वह एक राज्य के रूप में भारत का अनादर करता है। उन्होंने कहा- "संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा नई दिल्ली के खिलाफ नियमित रूप से निराधार आरोप (हम देखते हैं कि वे न केवल भारत बल्कि कई अन्य राज्यों पर भी निराधार आरोप लगाते हैं) धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करते हैं, यह संयुक्त राज्य अमेरिका की राष्ट्रीय मानसिकता, ऐतिहासिक संदर्भ की गलतफहमी का प्रतिबिंब है भारतीय राज्य का विकास और एक राज्य के रूप में भारत का अनादर। मुझे यकीन है कि यह नव-उपनिवेशवादी मानसिकता, औपनिवेशिक काल की मानसिकता, दास व्यापार की अवधि और साम्राज्यवाद से भी आता है।"

हस्तक्षेप करने की सोच का नतीजा

उन्होंने इसे अमेरिका की जबरदस्ती हस्तक्षेप करने की नीति का नतीजा बताया। कहा- "यह केवल भारत पर लागू नहीं होता है। इसका कारण देश में होने वाले आम संसदीय चुनावों को जटिल बनाने के लिए भारत की आंतरिक राजनीतिक स्थिति को असंतुलित करने की इच्छा है। बेशक, यह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का हिस्सा है।"

आरोप बिलकुल बेबुनियाद - भारत

पिछले महीने, भारतीय विदेश मंत्रालय ने वाशिंगटन पोस्ट की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया था, जिसमें अमेरिका में खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू को मारने के कथित पोस्ट में भारतीय रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के अधिकारी की संलिप्तता का आरोप था। विदेश मंत्रालय (एमईए) के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा था कि ये एक "गंभीर मामले" पर "अनुचित और बेबुनियाद" आरोप है। अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट "अटकलबाजी और गैर-जिम्मेदाराना" है वो भी उस मामले में जिसकी जांच चल रही है।

पन्नू को लेकर हंगामा क्यों?

पन्नू के पास संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। वो सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) का संस्थापक है। ये संगठन गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के प्रावधानों के तहत कथित राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के कारण भारत में banned है। पन्नू को 2020 में  यूएपीए के प्रावधानों के तहत भी आतंकवादी करार दिया गया था।

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 9 May 2024 at 12:03 IST