अपडेटेड 12 February 2025 at 10:56 IST
ट्रंप से मिलेंगे मोदी... दुश्मनों के लिए खतरे की घंटी! जानिए कितना खतरनाक है P-8I जिसे खरीद सकता है भारत
भारत-अमेरिका के बीच 6 पी-8आई विमान खरीदने के लिए बातचीत 3 साल पहले शुरू हुई थी, लेकिन बाइडन प्रशासन के साथ इसे रोक दिया गया था।
PM Modi America Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त फ्रांस में हैं। तीन दिन के फ्रांस दौरे के बाद PM मोदी वहां से सीधा अमेरिका जाएंगे, जिस पर दुनिया की नजरें टिकी रहेंगी। PM मोदी का ये दौरा कई मायनों में अहम माना जा रहा है। इस दौरान भारत-अमेरिका के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते भी हो सकते हैं। खासतौर पर भारत की नजर अमेरिका से पी-8आई विमान को खरीदने के सौदे पर होगी। अगर डील पक्की होती है तो इससे भारत के दुश्मनों के लिए खतरे की घंटी बज जाएगी।
वैसे तो भारत-अमेरिका के बीच 6 पी-8आई विमान खरीदने के लिए बातचीत 3 साल पहले शुरू हुई थी, लेकिन बाइडन प्रशासन के साथ इसे रोक दिया गया था। वजह कीमतों पर सहमति न बन पाना था।
क्या बन जाएगी पी-8आई विमान डील पर बात?
PM मोदी दो दिन 12 और 13 फरवरी अमेरिका में रहेंगे। वह अपने इस दौरे के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। जब दो 'दोस्तों' की फिर मुलाकात होगी तो इनकी केमिस्ट्री दुनिया देखेगी। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान भारत-अमेरिका के बीच कई अहम समझौतों की भी उम्मीद है। इस दौरान अमेरिका के साथ भारत पी-8आई विमान की डील पक्की करना चाहेगा। आइए जानते हैं क्यों भारत इसे खरीदने के लिए आतुर है?
पी-8आई विमान को 'सबमरीन किलर' भी कहा जाता है। भारतीय नौसेना के पास पहले से ही 12 पी-8आई विमान हैं। फिलहाल नजर 8 और पी-8आई विमान खरीदने की है। 3 साल पहले इस डील को रोका गया था। हालांकि अब खबरों की मानें तो वाशिंगटन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी की शिखर वार्ता से पहले एक बार फिर सौदे को अंतिम रूप देने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
क्यों ये विमान खरीदना चाहता है भारत?
P-8I लॉन्ग-रेंज वाला समुद्री निगरानी और पनडुब्बी रोधी युद्धक विमान है। इसका रडार सिस्टम और इलेक्ट्रो-ओपटिक सेंसर सिस्टम काफी एडवांस बताया जाता है। विमानों को अमेरिकी हथियार निर्माता कंपनी बोइंग ने बनाया है। इन विमानों में हारपून ब्लॉक-II मिसाइल भी हैं, जो हर मौसम में किसी भी जहाज का खात्मा कर सकती है। P-8I विमान 907 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ सकते हैं। इनकी ऑपरेटिंग रेंज 1,200 नॉटिकल मील है।
चीन-पाकिस्तान जैसे देशों पर नजर रखने के लिए भारत को 'बह्मास्त्र' चाहिए। हिंद महासागर में चीन के बढ़ते दखल के चलते भारत को निगरानी बढ़ानी की जरूरत है। ऐसे में पी-8I भारत के बड़े काम आ सकते हैं। ये विमान दुश्मन की पनडुब्बियों और युद्धपोतों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने में माहिर हैं। जान लें कि भारत ने अप्रैल 2020 में चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में शुरू हुए टकराव के बाद से चीनी सैनिकों और बुनियादी ढांचे पर नजर रखने के लिए भी इन विमानों का इस्तेमाल किया था।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 12 February 2025 at 10:56 IST