अपडेटेड 14 August 2025 at 17:45 IST
प्रेशर पॉलिटिक्स से नहीं बनी बात तो धमकी पर उतरा अमेरिका... ट्रंप-पुतिन की मुलाकात से पहले दी गीदड़भभकी, कहा- बात नहीं बनी तो और टैरिफ
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार को अलास्का में मिलने वाले हैं। इस अहम मुलाकात पर पूरी दुनिया नजरें टिकी हुई हैं।
Donald Trump-Vladimir Putin Meeting: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शुक्रवार को अलास्का में मिलने वाले हैं। इस अहम मुलाकात पर पूरी दुनिया नजरें टिकी हुई हैं। लेकिन अमेरिका ने इस मुलाकात को भी भारत और टैरिफ वॉर से जोड़ दिया है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने धमकी दी है कि अगर रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ ट्रंप की बातचीत अगर फेल होती है तो अमेरिका, भारत पर और ज्यादा टैरिफ लगा देगा। इससे पहले ट्रंप भारत पर 50 फीसदी टैरिफ की घोषणा कर चुके हैं। टैरिफ की नई दरें 27 अगस्त से लागू होंगी।
बेसेंट ने बुधवार को ब्लूमबर्ग टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "हमने रूसी तेल खरीदने पर भारत पर सेकेंडरी टैरिफ लगाए हैं। और मुझे लगता है कि अगर चीजें ठीक नहीं रहीं, तो प्रतिबंध या सेकेंडरी टैरिफ बढ़ सकते हैं।" ट्रम्प की दलील है कि भारत और चीन जैसे अन्य देश यूक्रेन में रूस की युद्ध मशीन को तेल खरीदकर आर्थिक सहायता दे रहे हैं। हालांकि, भारत सरकार ने इस आरोप को "अनुचित" बताते हुए तीखा खंडन किया है। आपको बता दें कि दुनियाभर के कई देश डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ का विरोध कर रहे हैं। चीन समेत कुछ देशों ने कहा कि ट्रंप, टैरिफ का इस्तेमाल हथियार के तौर पर कर रहे हैं ताकि अपनी मनमानी कर सकें।
भारत-रूस के बीच तेल की डील को लेकर है विवाद
यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने सस्ते रूसी कच्चे तेल का आयात बढ़ाया है, जिससे भारत-अमेरिका रिश्तों में तनाव आया है और वाशिंगटन के साथ चल रही व्यापार वार्ताएं प्रभावित हुई हैं। 2024 में भारत के कुल तेल आयात में रूसी तेल का हिस्सा 35-40% था, जबकि 2021 में यह सिर्फ 3% था। ट्रंप के आरोपों पर भारत का कहना है कि एक बड़े ऊर्जा आयातक के रूप में उसे सबसे सस्ता तेल खरीदना पड़ता है ताकि करोड़ों गरीब भारतीयों को महंगाई से बचाया जा सके। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका को दो टूक शब्दों में कहा कि उनके लिए देशवासियों की प्राथमिकताएं सबसे पहले हैं।
क्या रूस का दावा मानेंगे ट्रंप
पिछले हफ्ते ट्रंप और पुतिन के बीच बैठक की घोषणा के बाद से ट्रंप कई बार यूक्रेन और रूस के बीच "जमीन की अदला-बदली" का जिक्र कर चुके हैं। इससे यह चिंता पैदा हुई है कि ट्रंप, पुतिन की लंबे समय से चली आ रही मांग के आगे झुककर यूक्रेन के बड़े हिस्से पर रूस का दावा मान सकते हैं। बुधवार सुबह रूसी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एलेक्सी फदीव ने दोहराया कि जून 2024 में पुतिन ने जो रुख अपनाया था, रूस अब भी उसी पर टिका है। उस समय पुतिन ने कहा था कि अगर यूक्रेन उन चार जगहों से हट जाता है, जहां पर रूस ने आंशिक तौर पर कब्जा किया है तो युद्धविराम उसी वक्त शुरू हो जाएगा। ये चार जगहें हैं- डोनेट्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरिजिया।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 14 August 2025 at 17:45 IST