अपडेटेड 2 November 2025 at 20:38 IST
शहबाज शरीफ-आसिम मुनीर के बाद अब अल-शरा से डोनाल्ड ट्रंप करेंगे मुलाकात! सीरिया में ऐसा क्या जो 'अलकायदा आतंकी' के करीब जा रही अमेरिका
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा के साथ 'व्हाइट हाउस' में वार्ता करेंगे। एक प्रशासनिक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा के साथ 'व्हाइट हाउस' में वार्ता करेंगे। एक प्रशासनिक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। लोकतंत्र के चैंपियन और आतंकवाद से कभी समझौता न करने वाले देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अहमद अल-शरा की अगवानी करने वाले हैं। यह अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय 'व्हाइट हाउस' में किसी सीरियाई राष्ट्रपति की पहली यात्रा होगी। अल-शरा पर एक समय एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम था।
आपको बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर भी व्हाइट हाउस का दौरा कर चुके हैं, जहां ट्रंप ने उनकी जमकर तारीफ की थी। हालांकि अल-शरा के साथ बैठक की औपचारिक घोषणा नहीं कर गई है। अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखे जाने की शर्त पर बताया कि बैठक 10 नवंबर को होने की संभावना है। ट्रंप ने मई में सऊदी अरब में अल-शरा से मुलाकात की थी, जो अमेरिका और सीरिया के नेताओं के बीच 25 वर्षों में पहली मुलाकात थी।
अल-कायदा से आया अहमद अल-शरा
अल-शरा पर एक समय एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम था। अबू मोहम्मद अल-गोलानी नाम से जाने जाने वाले अल-शरा का अल-कायदा से नाता था और सीरियाई युद्ध में उतरने से पहले वह इराक में अमेरिकी सेना से लड़ने वाले विद्रोहियों में शामिल हो गए थे। उन्हें अमेरिकी सैनिकों ने कई साल तक वहां कैद भी रखा था।
अमेरिका और सीरिया की मुलाकात
79 साल के ट्रंप इस साल मई में सऊदी अरब में अल-शरा से पहली बार मिले थे। यह दोनों देशों के नेताओं के बीच लगभग 25 सालों में पहली मुलाकात थी। इससे पहले 2000 में सीरिया के पूर्व प्रधानमंत्री हाफिज असद ने जिनेवा में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से मुलाकात की थी।
अल-शरा कब बने सीरिया के प्रेसिडेंट?
43 साल के अल-शरा, बशर अल-असद शासन के गिरने के बाद सीरिया के प्रेसिडेंट बने। वह सऊदी अरब में जन्मे हैं और कभी इराक में अल-कायदा में काम करते थे। उन्होंने 2003 से लगभग तीन साल तक इराकी विद्रोह में लड़ाई लड़ी, लेकिन 2006 में US सेना ने उन्हें पकड़ लिया। वह 2011 तक उनकी कस्टडी में रहे। यह ध्यान देने वाली बात है कि एक समय उनके सिर पर US ने USD 10 मिलियन का इनाम भी रखा था।
US सेना से रिहा होने के बाद, अल-शरा अल-असद शासन के खिलाफ सीरियाई क्रांति में शामिल हो गया। 2012 में उसने अल-असद शासन को हटाने के लिए अल-कायदा की मदद से अल-नुसरा फ्रंट बनाया, लेकिन 2016 में अंतरराष्ट्रीय पहचान पाने के लिए, खासकर US के नेतृत्व वाले पश्चिम से, आतंकी ग्रुप से रिश्ते तोड़ लिए। 2017 से जनवरी 2025 तक, उसने सुन्नी राजनीतिक ग्रुप हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के अमीर के तौर पर भी काम किया। दिसंबर 2024 में अल-असद के रूस भाग जाने के बाद, अल-शरा US के सपोर्ट से सीरिया के प्रेसिडेंट बन गए।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 2 November 2025 at 20:38 IST