अपडेटेड 16 September 2024 at 17:09 IST

तो क्या खाली भौकाल है अमेरिका की सीक्रेट सर्विस? दूसरी बार कैसे हुआ डोनाल्ड ट्रंप पर हमला

Trump Second Attempt: डोनाल्ड ट्रंप पर दूसरी बार जानलेवा हमले से अमेरिका की सीक्रेट सर्विस सवालों के घेरे में है। हमले के वक्त सीक्रेट सर्विस के जवान तैनात थे।

तो क्या खाली भौकाल है अमेरिका की सीक्रेट सर्विस? | Image: Republic

Donald Trump Assassination Attempt: अमेरिका में दूसरी बार पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) की हत्या की कोशिश की गई है। संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने कहा कि यह हमला फ्लोरिडा के वेस्ट पाम बीच में ट्रंप पर गोल्फ क्लब में हुआ। बड़ी बात ये है कि मात्र 9 हफ्ते पहले ही पेंसिल्वेनिया में 13 जुलाई को एक चुनावी रैली के दौरान ट्रंप पर एक बंदूकधारी ने गोली चलाई थी। इस हमले में एक गोली ट्रंप के दाहिने कान को छूकर निकल गई थी।

डोनाल्ड ट्रंप पर दूसरी बार हुए जानलेवा हमले की बाद अमेरिका की सीक्रेट सर्विस सवालों के घेरे में है। जब ट्रंप पर यह दूसरा हमला हुआ उस वक्त मौके पर सीक्रेट सर्विस के जवान तैनात थे। ट्रंप जहां खेल रहे थे, वहां से कुछ दूरी पर छिपकर बैठे अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के एजेंट ने हमलावर को देखा था। सीक्रेट सर्विस के एजेंट को करीब 400 गज की दूरी पर झाड़ियों के बीच से एक AK-47 राइफल की नाल दिख दे रही थी। एक एजेंट ने गोली चलाई जिसके बाद वहां मौजूद बंदूकधारी राइफल फेंककर एसयूवी से फरार हो गया।

AK-47, दूरबीन और कैमरा बरामद

AK-47 राइफल के साथ मौके से दो बैकपैक, निशाना लगाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक दूरबीन और एक कैमरा भी मिला है। फरार होने के बाद संदिग्ध हमलावर को पास की एक काउंटी में पकड़ लिया गया। मार्टिन काउंटी के शेरिफ विलियम स्नाइडर के अनुसार, उस आरोपी का व्यवहार शांत और संतुलित था। जब उसे रोका गया तो उसने यह भी नहीं पूछा कि उसे क्यों रोका गया है।

सीक्रेट सर्विस पर उठे सवाल

अमेरिका में राजनैतिक हत्याओं का इतिहास बहुत पुराना है। राष्ट्रपति से लेकर राष्ट्रपति पद के लिए खड़े उम्मीदवारों पर भी हमले हो चुके हैं। अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपतियों की सुरक्षा का जिम्मा सीक्रेट सर्विस के पास रहता है। पूर्व राष्ट्रपति जहां भी जाते हैं सीक्रेट सर्विस के एजेंट उनके साथ हर पल तैनात रहते हैं। जैसे भारत में प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी नेशनल सुरक्षा गार्ड (NGS) की होती है। ऐसे ही अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपतियों की सुरक्षा का स्तर क्या होगा, ये सीक्रेट सर्विस तय करती है। अगर पूर्व राष्ट्रपति कहीं जाते हैं तो उनके साथ सीक्रेट सर्विस के एजेंट होते हैं। कहीं बाहर जाने से पहले सीक्रेट सर्विस के एजेंट मौके पर जाकर जांच करते हैं।

1865 में बनी सीक्रेट सर्विस

अमेरिकी सीक्रेट सर्विस का जन्म 1865 में हुआ था। इसे जाली करेंसी रोकने के लिए ट्रेजरी डिपार्टमेंट की शाखा के रूप में बनाया गया था। ये वो वक्त था जब अमेरिका में जाली करेंसी जमकर बनाई जा रही थी। अमेरीकी डॉलर की जालसाजी को रोकने के लिए सीक्रेट सर्विस बनाई गई थी। साल 1901 में जब तत्कालीन राष्ट्रपति विलियम मैकिनले की हत्या हुई, तो व्हाइट हाउस ने सीक्रेट सर्विस को ही राष्ट्रपति की सुरक्षा करने को कहा। इसके बाद 1965 से पूर्व राष्ट्रपतियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सीक्रेट सर्विस के दायरे में आ गई। सीक्रेट सर्विस के सुरक्षा घेरे में पूर्व राष्ट्रपति की पत्नी और उनके नाबालिग बच्चे (16 साल से कम उम्र) भी आते हैं।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 16 September 2024 at 17:09 IST