अपडेटेड 8 December 2024 at 11:26 IST

Syria: सीरिया में अल-असद के शासन का अंत, राष्ट्रपति बशर ने देश छोड़ा; दमिश्क पर विद्रोहियों का कब्जा

राष्ट्रपति बशर अल-असद सीरिया को छोड़कर भाग निकले हैं और किसी अज्ञात जगह पर चले गए हैं। फिलहाल राजधानी दमिश्क में सड़कों पर विद्रोही खड़े हैं।

सीरिया की राजधानी दमिश्क पर विद्रोहियों ने कब्जा किया. | Image: AP

Syria Civil War: सीरिया अब विद्रोहियों के हवाले है। रविवार को सीरियाई सरकार अचानक गिर गई, जिससे असद परिवार के 50 साल के शासन का अंत हो गया। राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर भाग निकले हैं और किसी अज्ञात जगह पर चले गए हैं। फिलहाल राजधानी दमिश्क में सड़कों पर विद्रोही खड़े हैं, जीत का जश्न गोलियों की बौछारों के साथ मनाया जा रहा है और घोषणा कर दी गई है कि दमिश्क अब असद से आजाद हो गया है।

सीरिया की सेना कमान ने सूचित किया कि राष्ट्रपति बशर अल-असद का शासन विद्रोहियों के तेज हमले के बाद समाप्त हो गया है। सीरियाई विद्रोही पहले ही 4 प्रमुख शहरों पर कब्जा कर चुके थे। इनमें दारा, कुनेत्रा, सुवेदा और होम्स शहर शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 4 शहरों को कब्जाने के बाद सीरियाई विद्रोही राजधानी दमिश्क में घुसे, जिसके कारण राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश छोड़कर किसी अज्ञात स्थान पर भागना पड़ा और इससे विद्रोही मजबूत हो गए। आखिर में इस खूनी लड़ाई को विद्रोही जीत गए।

विद्रोहियों ने 10 दिन के भीतर दमिश्क को कब्जाया

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दमिश्क में चौराहों पर विद्रोहियों के टैंक दिखे। उनका ग्रुप जश्न मनाने के लिए एकत्र हुआ नजर आया। मस्जिदों से 'अल्लाह-हू-अकबर' की आवाजें सुनाई दे रही हैं। साल 2018 के बाद ये पहली बार है, जब विद्रोही दमिश्क के भीतर पहुंच गए हैं। सीरियाई सैनिकों ने सालों की घेराबंदी के बाद 2018 में राजधानी के बाहरी इलाकों पर फिर से कब्जा कर लिया था। विद्रोही समूह के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल हसन अब्दुल गनी ने रविवार की सुबह राजधानी दमिश्क पर कब्जा करने के अपने इरादे की पुष्टि करते हुए कहा, 'हमारी नजर राजधानी दमिश्क पर है।'

विद्रोहियों ने 27 नवंबर से शुरू हुए हमलों के बाद से अलेप्पो और हामा शहरों के साथ-साथ दक्षिण के बड़े हिस्से पर पहले ही कब्जा कर लिया। शनिवार को विद्रोहियों ने घोषणा की कि उन्होंने होम्स पर भी कब्जा कर लिया है। दमिश्क में विद्रोहियों के पहुंचने से पहले शनिवार को सीरियाई सेना दक्षिणी सीरिया के ज्यादातर हिस्सों से पीछे हट गई, जिसके कारण दो प्रांतीय राजधानियों समेत देश के अधिकांश क्षेत्र विपक्षी लड़ाकों के कब्जे में आ गए। रविवार को दमिश्क पर विद्रोहियों ने नियंत्रण का ऐलान कर दिया। इसी के साथ पिछले 10 दिनों में विद्रोही देश में 24 साल से चल रही असद सरकार को उखाड़ फेंकने में कामयाब हो गए हैं।

सीरिया के PM ने सत्ता सौंपने का प्रस्ताव दिया

इस बीच सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने घुटने टेक दिए हैं और शासन की बागडोर विद्रोहियों को सौंपने के लिए तैयार हैं। उन्होंने खुद इसका प्रस्ताव दिया है। एक वीडियो जारी करके जलाली ने कहा, 'मैं अपने आवास पर ही हूं और कहीं नहीं गया हूं। ये इसलिए क्योंकि मुझे अपने देश से प्रेम है। मैं सुबह काम करने के लिए अपने कार्यालय जाउंगा।' उन्होंने सीरियाई नागरिकों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाने का अनुरोध किया।

सीरियाई विद्रोही लड़ाके कौन हैं?

अबू मोहम्मद अल-गोलानी और उसका HTS संगठन, जिसे पहले नुसरा फ्रंट कहा जाता था, सबसे शक्तिशाली विद्रोही समूह के रूप में उभरा। उसने 10 साल से भी ज्यादा समय पहले शुरू हुए विद्रोह में असद प्रशासन के लिए खतरा पैदा किया। सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा करने वाले इस्लामी विद्रोही गठबंधन के नेता अबू मोहम्मद अल-जोलानी एक चरमपंथी हैं। एक समय सुर्खियों से दूर रहने वाले अल-गोलानी आज सबसे पहचाने जाने वाले विद्रोहियों में से एक हैं। वो वही हैं जिन्होंने 2016 में अल-कायदा से नाता तोड़कर आगे आकर अपने समूह का नाम बदला।

HTS तुर्की समर्थित सीरियाई मिलिशिया के एक ग्रुप के साथ मिलकर काम कर रहा है, जिसे सीरियाई राष्ट्रीय सेना के रूप में जाना जाता है। HTS अल-कायदा से अलग हुआ एक गुट है। इसे संयुक्त राज्य अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी संगठन करार दे रखा है। हालांकि हाल के सालों में इस संगठन ने खुद अपने मूल समूह अल-कायदा के साथ संबंध तोड़ने का दावा किया था।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 8 December 2024 at 11:26 IST