अपडेटेड 24 May 2025 at 12:12 IST
समुद्र किनारे देश, फिर भी नमक बिक रहा 145 रुपए KG; मचा हाहाकार तो भारत ने निभाया पड़ोसी होने का धर्म, जानिए कैसे की मदद
श्रीलंका एक बार फिर से गंभीर संकट से जूझ रहा है और इस बार यह संकट किसी महंगी वस्तु का नहीं, बल्कि रसोई की सबसे जरूरी चीज 'नमक' का है।
श्रीलंका एक बार फिर से गंभीर संकट से जूझ रहा है और इस बार यह संकट किसी महंगी वस्तु का नहीं, बल्कि रसोई की सबसे जरूरी चीज 'नमक' का है। भारी बारिश के कारण श्रीलंका में नमक का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और बाजार में इसकी भारी किल्लत देखी जा रही है। पुट्टलम के नमक उत्पादकों के अनुसार, हाल ही में हुई मूसलधार बारिश ने करीब 15,000 मीट्रिक टन नमक बहा दिया, जो संग्रहण के लिए रखा गया था।
ऐसे में देश में नमक की आपूर्ति बेहद प्रभावित हुई है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अब श्रीलंका में नमक की 50 किलो की एक बोरी की कीमत पहले के मुकाबले पांच गुना तक बढ़ गई है। वहां नमक 125 रुपए से 145 रुपए प्रति किलो बिक रहा है, जो आम जनता के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन गया है। देश की जरूरत का केवल 23 प्रतिशत नमक ही वर्तमान में उत्पादित हो पा रहा है, जिससे बाकी की कमी बाजार को झेलनी पड़ रही है।
भारत ने भेजी राहत
इस संकट के बीच भारत ने मानवीय सहायता का हाथ बढ़ाते हुए श्रीलंका को 3050 मीट्रिक टन नमक भेजा है। इस खेप में से 2800 मीट्रिक टन नेशनल साल्ट कंपनी द्वारा और 250 मीट्रिक टन प्राइवेट कंपनियों द्वारा भेजा गया है। हालांकि भारी बारिश की वजह से इस नमक की डिलीवरी में थोड़ी देरी हो रही है, लेकिन उम्मीद है कि अगले हफ्ते तक स्थिति कुछ हद तक सुधर सकती है।
श्रीलंका में नमक के लिए मची मारामारी
नमक उत्पादकों के एसोसिएशन ने श्रीलंका सरकार पर 30,000 मीट्रिक टन गैर-आयोडीन नमक के आयात में देरी का आरोप लगाया है, जिससे हालात और बिगड़ गए हैं। सोशल मीडिया पर लोग खाली दुकानों और अलमारियों की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं और नमक के लिए मची मारामारी को बयां कर रहे हैं।
बता दें कि श्रीलंका 2022 से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जब देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म हो गया था। इस वजह से वह ईंधन, दवाइयों और खाद्य वस्तुओं के आयात में भी अक्षम हो गया था। अब नमक का यह संकट एक नई चुनौती बनकर सामने आया है। भारत की मदद से जहां एक ओर राहत की उम्मीद जगी है, वहीं श्रीलंका सरकार पर स्थिति को जल्दी सुधारने का दबाव भी बढ़ता जा रहा है।
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 24 May 2025 at 11:02 IST