अपडेटेड 27 October 2024 at 19:51 IST

चीन की जन्म दर में भारी गिरावट, हजारों किंडरगार्टन बंद; जन्म दर और कुल जनसंख्या दोनों में गिरावट

हांगकांग से प्रकाशित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने मंत्रालय की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि किंडरगार्टन में बच्चों की संख्या में लगातार तीसरे साल गिरावट आई है।

Thousands of kindergartens closed across China amid sharp decline in birth rates | Image: X

चीन में जनसांख्यिकीय संकट गहराता जा रहा है और जन्म दर में गिरावट एवं बच्चों के नामांकन में गिरावट के मद्देनजर हजारों नामी किंडरगार्टन बंद हो गए हैं। एक अधिकारिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। चीन के शिक्षा मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में किंडरगार्टन की संख्या में 14,808 की कमी आई और यह घटकर 274,400 रह गई है। चीन की गिरती जन्म दर के नवीनतम संकेतक में यह लगातार दूसरी वार्षिक गिरावट है।

हांगकांग से प्रकाशित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने रविवार को मंत्रालय की रिपोर्ट के हवाले से खबर दी कि किंडरगार्टन में नामांकित बच्चों की संख्या में लगातार तीसरे वर्ष गिरावट आई है। खबर के मुताबिक नामांकन में पिछले वर्ष की तुलना में 11.55 प्रतिशत या 53.5 लाख की कमी के साथ यह संख्या 4.09 करोड़ रह गई है। प्राथमिक विद्यालयों की संख्या भी 2023 में 5,645 घटकर 143,500 रह गई है जो 3.8 प्रतिशत की गिरावट है।

जन्म दर और कुल जनसंख्या दोनों में गिरावट 

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर में कहा गया है कि यह गिरावट चीन में व्यापक जनसांख्यिकीय बदलाव को दर्शाती है, जहां जन्म दर और कुल जनसंख्या दोनों में गिरावट जारी है। इसमें कहा गया कि इससे भविष्य के आर्थिक विकास के लिए गंभीर खतरा पैदा हो रहा है, जो पहले से ही धीमा हो रहा है।

2023 में 90 लाख बच्चों का जन्म

पिछले साल चीन की जनसंख्या लगातार दूसरे साल घटकर 1.4 अरब रह गई, यानी 20 लाख से ज्यादा की गिरावट। 2023 में चीन में सिर्फ 90 लाख बच्चों का जन्म हुआ जो 1949 में रिकॉर्ड शुरू होने के बाद से सबसे कम आंकड़ा है। जन्म दर में गिरावट के परिणामस्वरूप, चीन ने पिछले वर्ष सबसे अधिक जनसंख्या वाले देश का अपना दर्जा खो दिया है। अब भारत दुनिया की सबसे आबादी वाला देश है।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक चीन की 60 वर्ष और उससे अधिक आयु की आबादी 2023 के अंत तक 30 करोड़ तक पहुंच गई। यह संख्या 2035 तक 40 करोड़ से अधिक हो जाएगी और 2050 तक 50 करोड़ तक पहुंच जाएगी।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 27 October 2024 at 19:51 IST