अपडेटेड 19 March 2023 at 13:50 IST

Russia Ukraine War में तबाही मचा रहे Kamikaze Drones, 2nd World War से है इनका संबंध

यूक्रेन और रूस दोनों के आयुध भंडार में मौजूद कामिकाजे स्विचब्लेड ड्रोन्स। इन ड्रोन्स को कामकाजे किलर ड्रोन के भी नाम से जाना जाता है।

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Kamikaze Drone: यूक्रेन और रूस दोनों के आयुध भंडार में मौजूद कामिकाजे स्विचब्लेड ड्रोन्स (Kamikaze Switchblade Drones) को कामकाजे किलर ड्रोन के भी नाम से जाना जाता है। ये ड्रोन रूस के हथियारों जैसे- टैंक, बख्तरबंद वाहनों और सैनिकों पर कहर बनकर टूटे हैं। यूक्रेन को इन कामिकाजे किलर ड्रोन की आपूर्ति अमेरिका ने की है। ये ड्रोन अपने नाम के अनुसार ही काम करते हैं। ये ड्रोन सिर्फ ब्लास्ट नहीं करते, बल्कि अगर यह इंसानों की हाइट के बराबर तेजी से उड़ें, तो कई सैनिकों को गहरे घाव दे सकते हैं। इन ड्रोन्स में लगी विंग्स की धार इनको और अधिक खतरनाक बनाती है।

अमेरिका के एक अधिकारी ने बताया कि यूक्रेन को अमेरिका की ओर से अपने नाम के अनुसार ही काम करते हैं यह सिर्फ ब्लॉक नहीं करते बल्कि अगर यह इंसानों की हाइट के बराबर तेजी से उड़े तो कई सैनिकों को गहरे घाव दे सकते हैं। अमेरिका के एक अधिकारी ने बताया कि यूक्रेन को अमेरिका की ओर से 100 टैक्टिकल स्विचब्लेड ड्रोन्स दिए गए हैं। यह छोटे सुसाइड बॉम्बर हैं, जो टकराते ही ब्लास्ट कर देंगे। उनका धमाका जानलेवा और बेहद विध्वंसकारी हो सकता है।

रूस भी इस्तेमाल कर रहा है कामिकाजे ड्रोन्स

बता दें कि केवल यूक्रेन ही नहीं रूस भी यूक्रेनी ठिकानों पर हमला करने के लिए कामिकाजे ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रहा है। जहां यूक्रेन ने ये ड्रोन अमेरिका से लिए हैं, वही रूस को ये ड्रोन ईरान से मिले हैं।

क्या होते हैं कामिकाजे ड्रोन्स?

कामिकाजे एक रिमोट कंट्रोल से उड़ने वाले बम होते हैं। ये ड्रोन्स कहीं से कहीं भी तैनात किए जा सकते हैं और कहीं भी दागे जा सकते हैं। इन में लगे हुए कैमरों की मदद से टारगेट को लॉक करना और दुश्मन को ढूंढना आसान हो जाता है। ये ड्रोन पहाड़ियों, इमारतों, जंगलों में छुपे हुए दुश्मन को खोज कर उन पर आत्मघाती हमला करते हैं। अपने दुश्मन की पहचान करते हैं या अपने धारदार ब्लेड से बुरी तरह से घायल कर देते हैं।

अमेरिकी कंपनी एयरोविरोनमेंट ने दो तरीके के स्विचब्लेड ड्रोन तैयार किए हैं। इसका वजन 23 किलोग्राम होता है और 40 मिनट तक हवा में उड़ता है। यह ड्रोन 185 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से जमीन पर गिरता है और ब्लास्ट से कई टैंक बख्तरबंद वाहनों और आर्मर को उड़ा सकता है।

कामिकाजे ड्रोन आकार में छोटे होते हैं और इन्हें मिसाइल की तरह लांच किया जाता है। हवा में इसके विंग स्कूल जाते हैं, जिसे बाद में रिमोट से कंट्रोल किया जाता है। टीवी स्क्रीन पर देखते हुए से कंट्रोल करने वाला सैनिक इसे टारगेट की ओर से लॉक कर देता है।

कैसे नाम पड़ा कामिकाजे?

कामकाजी एक जापानी शब्द है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान आत्मघाती हमलावर की एक स्पेशल यूनिट से लिया गया था। इसमें जापानी सेना के पायलट अपने लड़ाकू विमान को क्रैश कर देते थे और दुश्मन का खात्मा करते थे। तभी से किसी भी आत्मघाती हमले को कामिकाजी नाम दिया जाता है। यूक्रेन की ओर से प्रयोग किए जा रहे हैं ये छोटे सुसाइड बॉम्बर हैं। जो टकराते ही ब्लास्ट कर देंगे। उनका धमाका जानलेवा और बेहद विध्वंसकारी हो सकता है।

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Published By : Nripendra Singh

पब्लिश्ड 19 March 2023 at 13:34 IST