अपडेटेड 4 March 2024 at 18:02 IST
बहिष्कार के आह्वान के बीच ईरान में हुए संसदीय चुनाव, कट्टरपंथी नेताओं का वर्चस्व बरकरार
ईरान में संसदीय चुनावों के बहिष्कार और कम मतदान के बीच सोमवार को घोषित किये गए मतदान के नतीजों में कट्टरपंथी राजनीतिक नेताओं ने संसद में अपना वर्चस्व कायम रखा।
ईरान में संसदीय चुनावों के बहिष्कार और कम मतदान के बीच सोमवार को घोषित किये गए मतदान के नतीजों में कट्टरपंथी राजनीतिक नेताओं ने संसद में अपना वर्चस्व कायम रखा है।
अधिकारियों ने शुक्रवार को हुए चुनावों का मतदान प्रतिशत अब तक जारी नहीं किया है और ना ही इसमें देर की वजह बताई है। राजधानी तेहरान में मतदान केंद्रों पर भीड़ नजर नहीं आई थी और इस कारण मतदान प्रतिशत कम रहने की संभावना है। जेल में बंद नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी सहित देश में कुछ लोगों ने चुनावों का बहिष्कार किया था।
महसा अमिनी की मौत के बाद पहला चुनाव
वर्ष 2022 में महसा अमिनी (22) की मौत होने पर बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद यह पहला चुनाव था। हिजाब नहीं पहनने के कारण पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद हिरासत में उसकी मौत हो गई थी।
पहले चरण में 245 सीटों पर मतदान
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मोहसिन इस्लामी ने कहा कि मतदाताओं ने पहले चरण में 245 सीट पर उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला किया। शेष 45 सीट पर अप्रैल या मई में चुनाव कराये जाएंगे क्योंकि इन सीट पर उम्मीदवारों को अनिवार्य 20 प्रतिशत वोट नहीं मिले हैं। कुल निर्वाचित 245 राजनीतिक नेताओं में 200 को कट्टरपंथी समूहों का समर्थन प्राप्त है।
11 सीट पर महिला उम्मीदवार जीतीं
समाचार एजेंसी एपी के विश्लेषण के अनुसार, केवल 11 सीट पर महिला उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है, जबकि मौजूदा संसद में महिला सदस्यों की संख्या 16 है।
न्यूयॉर्क स्थित सौफान सेंटर थिंक टैंक ने सोमवार को एक विश्लेषण में कहा, ‘‘ ऐसा प्रतीत होता है कि शुक्रवार के चुनावों ने इस बात की फिर से पुष्टि की है कि निकट भविष्य में ईरान की नीतियां नहीं बदलेंगी, लेकिन मतदान से यह प्रदर्शित हुआ कि ईरानी अवाम इस्लामी गणराज्य की नीतियों से असंतुष्ट है।’’
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 4 March 2024 at 18:01 IST