अपडेटेड 25 August 2023 at 16:27 IST
पाकिस्तान ने मारी ट्रिपल सेंचुरी, डॉलर के मुकाबले 300 के पार पहुंच गया रुपया
फॉरेक्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, इंटरबैंक मार्केट में क्लोजिंग के समय डॉलर रिकॉर्ड 300.2 रुपए पर बिजनेस कर रहा था।
कंगाल पाकिस्तान ने अपनी ट्रिपल सेंचुरी पूरी कर ली है। हालांकि ये ट्रिपल सेंचुरी किसी क्रिकेट की पिच पर नहीं हुई है। ये ट्रिपल सेंचुरी पाकिस्तानी रूपए ने मारी है। गुरुवार को अमेरिकी डॉलर पाकिस्तानी रुपए के मुकाबले रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। इंटरबैंक मार्केट में ग्रीनबैक (डॉलर) के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 300 रूपए के बैरियर को पार कर गया।
खबर में आगे पढ़ें...
- पाकिस्तानी करेंसी ने मारी ट्रिपल सेंचुरी
- डॉलर के मुकाबले 300 के पार गया पाकिस्तानी रुपया
- ओपन मार्केट में 314 रुपए हुई पाकिस्तानी करेंसी
फॉरेक्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, इंटरबैंक मार्केट में क्लोजिंग के समय डॉलर रिकॉर्ड 300.2 रुपए पर बिजनेस कर रहा था। वहीं पाकिस्तान की ओपन मार्केट में उसकी करेंसी 314 रुपए पर बिजनेस कर रही थी।
अलग-अलग डाटा में वैल्यू अलग-अलग
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की ओर से जारी किए गए डेली डाटा के अनुसार, कल डॉलर 299.64 रुपए पर बंद हुआ। ओपन मार्केट में इस बिजनेस वैल्यू 315 रुपए तक थी। एक्सचेंज कंपनीज एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान (ECAP) ने खरीद और बिक्री की कीमतें 309 रुपये और 312 रुपये बताई थीं।
कंगाली की तरफ बढ़ रहा है पाकिस्तान
पाकिस्तान में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। IMF से मिले लोन के बाद पाकिस्तानी करेंसी ने सुधार की उम्मीद दिखाई थी। ये उम्मीद एक बार फिर से धाराशाई हो गई।
पाकिस्तान में चुनावों की आशंका को देखते हुए बलोचिस्तान से सीनेटर अनवर उल हक काकर के नेतृत्व में केयरटेकर सरकार का गठन किया गया। इस सरकार के सत्ता संभालने के बाद एकबार फिर से पाकिस्तानी रुपया धड़ाम हो गया।
डॉलर की जमाखोरी के मामले बढ़े
बिगड़ते हालातों के बीच पाकिस्तान के कई फाइनेंशियल सर्विसेज ने इन बिगड़ते हालातों के पीछे काला बाजारी को कारण बताया है। फॉरेक्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान के चेयरपर्सन मलिक बोस्टन ने इस उम्मीद में डॉलर की जमाखोरी के खिलाफ चेतावनी दी कि इसकी कीमत और बढ़ेगी।
बोस्टन ने कहा कि इंटर बैंक मार्केट में डॉलर में बढ़ोतरी के कारण आम लोग भी इस उम्मीद में अनावश्यक रूप से डॉलर खरीद रहे हैं कि इसकी कीमत और बढ़ेगी।
IMF को किए वादे पर भी खरा नहीं उतर पा रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान की तत्कालीन शहबाज सरकार ने जून में IMF से कर्जा लेने के लिए बड़े-बड़े वादे किए थे। पाकिस्तान सरकार ने IMF को कहा कि दोनों बाजारों में दरों के बीच अंतर 1.25 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा। जोकि वर्तमान में 5 प्रतिशत पर है।
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पाकिस्तान पर पड़ा कर्जे का मार
डॉलर की बढ़ती कीमत सरकार के लिए मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस हालातों ने सार्वजनिक ऋण को अप्रत्याशित रूप से बढ़ा दिया है। पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार ने एक हालिया ट्वीट में कहा कि रुपये के गिरावट से वित्त वर्ष 2023 में पब्लिक लोन 9.3 ट्रिलियन रुपये बढ़ गया है।
Published By : Nripendra Singh
पब्लिश्ड 25 August 2023 at 16:26 IST