अपडेटेड 11 September 2025 at 14:50 IST
Nepal Protest: GEN-Z के विद्रोह का नेपाल को चुकानी पड़ी बड़ी कीमत, हिंसा में अबतक 34 की मौत; हजार से ज्यादा लोग घायल
नेपाल में GEN-Z विरोध प्रदर्शन की भारी कीमत वहां के लोगों को चुकानी पड़ी है। हिंसा में अबतक 34 लोगों की मौत हो गई जबकि हजार से ज्यादा घायल हुए हैं।
भारत को पड़ोसी देश नेपाल में इस वक्त हालात बेहद नाजुक बने हुए हैं। ओली सरकार के तख्ता पलट बाद भी लोगों का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा। करप्शन के खिलाफ नेपाल में हुए इस हिंसक विरोध प्रदर्शन में करीब 34 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1368 घायलों का इलाज किया जा रहा है। Gen-Z प्रोटेस्ट की आग में नेपाल धुआं-धुआं हो उठा।
Gen-Z प्रोटेस्ट को लेकर नेता दिवाकर दंगल ने कहा, "हम यह आंदोलन भ्रष्टाचार के खिलाफ कर रहे हैं क्योंकि यह बड़े पैमाने पर फैला हुआ है।" वहीं एक अन्य नेता जुनल गदल ने कहा कि हमें देश के संरक्षक के रूप में सुशीला कार्की (नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश) को सर्वश्रेष्ठ विकल्प के रूप में चुनना चाहिए।
बुजुर्ग नेताओं से तंग आकर किया प्रदर्शन
अनिल बनिया ने कहा, "हमने यह आंदोलन बुजुर्ग नेताओं से तंग आकर किया था। हमने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था, लेकिन राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने आगजनी की और फिर बुनियादी ढांचे में तोड़फोड़ की। ऑनलाइन सर्वेक्षणों के जरिए जेन-जी नेताओं ने सुशीला कार्की को वोट दिया। हम संविधान बदलने की कोशिश नहीं कर रहे, बल्कि उसमें जरूरी बदलाव करने की कोशिश कर रहे हैं। छह महीने के अंदर हम चुनाव लड़ेंगे।"
भारत-नेपाल सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने नेपाल से भागकर भारत में घुसने की कोशिश कर रहे 60 कैदियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए कैदियों की कुल संख्या अब 60 हो गई है।
अंतरिम PM को लेकर आया नया ट्विस्ट
नेपाल में इस वक्त नई सरकार को लेकर आर्मी हेड क्वार्टर में अहम मीटिंग चल रही है। यहां सेना और Gen-Z के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हो रही है। वार्ता के बीच अब आर्मी हेडक्वार्टर के बाहर Gen-Z युवाओं का प्रदर्शन भी जारी है। इस दौरान उनके बीच ही फूट की खबर सामने आ रही है। युवा प्रदर्शनकारी सुशीला कार्की के नाम पर सहमत नहीं है। उन्होंने अब अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर कुलमान घीसिंग का नाम आगे किया है।
Gen-Z युवाओं ने जारी की प्रेस रिलीज
युवाओं ने आर्मी हेडक्वार्टर में हो रही बातचीत का विरोध किया और कहा कि मीटिंग में गलत लोगों को बुलाया गया। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में बातचीत की मांग की। साथ ही Gen-Z युवाओं की ओर से जारी एक पत्र भी सामने आया। इसमें कहा गया कि अंतरिम मंत्रिमंडल के नेतृत्व के लिए सबसे योग्य और पसंदीदा उम्मीदवार काठमांडू महानगर के मेयर बालेंद्र शाह थे। हालांकि यह स्पष्ट है कि उन्होंने इस प्रक्रिया में कोई रुचि नहीं दिखाई है।"
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 11 September 2025 at 14:48 IST