अपडेटेड 20 May 2025 at 19:38 IST
तुर्किए समेत इन मुस्लिम देशों में महिलाओं को कितनी आजादी, क्या कर सकते हैं क्या नहीं?
तुर्किए समेत इन मुस्लिम देशों में महिलाओं को कितनी आजादी है? आइए जानते हैं कि किन मुस्लिम देशों की महिलाएं क्या कर सकती हैं और क्या नहीं।
कहा जाता है कि जहां पर महिलाओं को आजादी होती है, वहां विकास तेजी से होता है। दुनिया के की देशों में ऐसा देखा गया है कि महिलाओं को उतनी आजादी नहीं दी जाती है जितनी कि उस देश के पुरुषों को होती है। समाज का ये दोहरा स्तर घर-घर में देखने को मिल सकता है। आइए जानते हैं कि तुर्किए इस्लामिक देशों में महिलाओं को कितनी आजादी है।
तुर्किए में वैसे तो महिलाओं को सभी तरह की आजादी है। यहां महिलाओं को वोट करने से लेकर पढ़ने-लिखने, नौकरी करने, बिजनेस के साथ-साथ फैशन का भी अधिकार हैं। यहां की महिलाएं मीडिया, आर्ट्स, फैशन में काफी सक्रिय है। यहां की लाइफस्टाइल में लव मैरिज, डेटिंग, क्लबिंग, ट्रेवल सबकी आजादी है। लेकिन अभी भी कुछ-कुछ इलाकों में कंजर्वेटिव माहौल है। परंपराओं और पारिवारिक भूमिकाओं को लेकर यहां की महिलाओं पर दबाव होता है।
लेबनान में महिलाओं की आजादी की की अगर बात करें तो मध्यपूर्व में सबसे ज्यादा लिबरल और ओपन-सोसायटी है। यहां महिलाएं फैशन, मीडिया, मॉडलिंग, फिल्म्स, बिजनेस से लेकर राजनीति तक में काफी ओपन हैं। वहीं डेटिंग से लेकर लिव-इन रिलेशन, क्लब कल्चर, सोलो ट्रेवल तक यहां आम बात है। लेबनानी महिलाएं अपने हक के लिए लड़ सकती हैं।
हाल ही में चर्चा में आए अजरबैजान की अगर बात करें तो तुर्किए की तरह यहां भी महिलाओं को हर चीज की आजादी है। महिलाएं बिना हिजाब लगाए ही स्कूल, कॉलेज दफ्तर आदि जगहों पर जा सकती हैं। यहां महिलाओं पर कोई धार्मिक दबाव भी नहीं होता है। हालांकि, तुर्किए में Abortion कानूनी है, लेकिन कई सार्वजनिक अस्पताल गैर-आपातकालीन मामलों में गर्भपात सेवाएं नहीं देते। कुछ अस्पताल अविवाहित महिलाओं या छह सप्ताह से अधिक गर्भवती महिलाओं का Abortion करने से इनकार करते हैं। बता दें, तुर्किए के कानून में दस सप्ताह तक गर्भपात की अनुमति है।
अल्बानिया में महिलाएं लिव इन रिलेशन में भी रह सकती हैं
अल्बानिया एक यूरोपियन मुस्लिम देश हैं, जहां महिलाएं पूरी तरह आजाद हैं। वेस्टर्न स्टाइल फैशन, बिज़नेस, प्रोफेशनल करियर, क्लबिंग, डेटिंग – सब कुछ आम यहां की महिलाओं के लिए आम जिंदगी का हिस्सा है। यहां महिलाओं पर कोई धार्मिक पाबंदी नहीं होती है। यहां तक कि महिलाएं लिव इन में भी रह सकती हैं।
कजाखस्तान में महिलाएं स्पोर्ट्स से लेकर पॉलिटिक्स में भी एक्टिव
कजाखस्तान, सेंट्रल एशियन मुस्लिम देश है। यहां पर सोवियत यूनियन का असर देखने को मिलता है। यहां की महिलाएं सिविल सर्विस, पॉलिटिक्स, बिजनेस, आर्मी और स्पोर्ट्स में भी काफी एक्टिव नजर आती हैं। महिलाओं पर हिजाब या पर्दे की पाबंदी नहीं है, बल्कि वो वेस्टर्न लाइफस्टाइल फॉलो करती हैं। इसके अलावा महिलाएं डेटिंग, ट्रेवल और शादी का फैसला खुद करती हैं।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 20 May 2025 at 19:37 IST