अपडेटेड 24 October 2024 at 22:22 IST

'पूरे कनाडा में गोल्डी बराड़...', Canada से भारत लौटे उच्चायुक्त ने गैंगस्टर पर किए सनसनीखेज खुलासे

संजय वर्मा ने बताया, 'भारत ने कनाडाई अधिकारियों के साथ गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और बराड़ के नाम साझा किए थे, जिसने बराड़ का नाम वांटेड की लिस्ट में डाल दिया था।'

कनाडा ने अपनी वांटेड लिस्ट से कुख्यात गैंग्स्टर का नाम क्यों हटाया, मूसेवाला हत्याकांड से है कनेक्शन | Image: Republic

भारत द्वारा वापस बुलाए गए राजनयिक संजय वर्मा ने कहा है कि कनाडा ने अचानक उत्तरी अमेरिकी राष्ट्र में सक्रिय गैंगस्टर गोल्डी बराड़ का नाम वांटेड अपराधियों की अपनी लिस्ट से हटा दिया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई की वीडियो टीम को दिए गए इंटरव्यू में वर्मा ने कहा कि भारत ने कनाडाई अधिकारियों के साथ गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और बराड़ के नाम साझा किए थे, जिसने बराड़ का नाम वांटेड की लिस्ट में डाल दिया था। वरिष्ठ राजनयिक ने यह भी कहा कि खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या 'गलत' थी और गहन जांच के बाद सच्चाई सामने आनी चाहिए।

वर्मा ने कहा, 'निज्जर हमारे लिए एक आतंकवादी था, लेकिन किसी भी लोकतंत्र, कानून के शासन वाले देश के लिए जो कुछ भी न्यायेतर है, वह गलत है।' राजनयिक ने कहा, 'हमने उनसे हमेशा कहा कि हम पूरे प्रकरण की तह तक पहुंचना चाहते हैं, ताकि आप संतुष्ट हों, हम संतुष्ट हों।' उन्होंने कहा कि बराड़ कनाडा में एक गिरोह चलाता था लेकिन उस देश में ऐसे कई समूह हैं जिनकी पहुंच इतनी अंतरराष्ट्रीय नहीं है, लेकिन उनका प्रभाव पूरे कनाडा में है।


कनाडा में रह रहा था गोल्डी बराड़

वर्मा ने कहा, 'गोल्डी बराड़ कनाडा में रह रहा था। हमारे अनुरोध पर, उसका नाम वांछितों की सूची में डाल दिया गया था। अचानक, उसका नाम वांछितों की सूची से गायब हो गया। मैं इससे क्या मतलब निकालूं? या तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया है या वह अब वांछित नहीं है।' उन्होंने कहा, 'इसलिए, जब मादक पदार्थों की तस्करी या मानव तस्करी और बंदूक चलाने पर हिंसा शुरू होती है, तो हमने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में देखा है कि हत्याएं होती हैं।'

 

सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद चर्चा में आया था गोल्डी बराड़

माना जाता है कि बराड़ लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सदस्य था और मई 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेने के बाद वह चर्चा में आया। हालांकि, खबरों से पता चलता है कि दोनों अब अलग-अलग गिरोह चला रहे हैं। वर्मा ने कहा कि भारत ने बराड़ और बिश्नोई के नाम रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) के साथ साझा किए थे। राजनयिक ने कहा, 'तो, ऐसा नहीं है कि कनाडा या कनाडाई अधिकारी अपने सपनों से जाग गए और कहा, यहां एक लॉरेंस बिश्नोई है और यहां एक गोल्डी बराड़ है, यह एक भारतीय एजेंसी थी जिसने उन्हें इन दो गैंगस्टर के बारे में बताया था।'

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 24 October 2024 at 21:27 IST