अपडेटेड 19 January 2024 at 22:44 IST
भारत के बाद जापान ने रचा इतिहास, चांद पर उतरा मून मिशन स्नाइपर; लैंडिंग करने वाला बना पांचवां देश
Japan Moon Mission: लैंडिग के लिए 6000X4000 इलाका खोजा था। इसी इलाके में JAXA ने अपने उसके स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) ने लैंडिग की।
Japan's Moon Landing: भारत के बाद अब जापान ने भी चांद पर उतरकर इतिहास रच दिया है। जापान का मून मिशन चंद्रमा पर सफलतापूर्वक लैंड कर गया है। जापानी स्पेस एजेंसी JAXA ने अपने मून मिशन स्नाइपर को 7 सितंबर को लॉन्च किया था। अब 4 महीने से ज्यादा का सफर करने के बाद इसने चांद पर लैंडिंग की है।
हालांकि इसकी आधिकारी पुष्टि होना अभी बाकी हैं। अगर जापान ऐसा करने में सफल रहता है तो यह इसके साथ ही चांद पर पहुंचने वाला पांचवां देश बन गया है। लिस्ट में इससे पहले अमेरिका, रूस, चीन और भारत का नाम शामिल हैं। जापान ने चांद पर जिस अंतरिक्षयान को भेजा है, उसे स्लिम (SLIM) नाम दिया गया है, जिसका मतलब है स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून मिशन है।
कहां हुई लैंडिंग?
बताया जा रहा है कि लैंडिग के लिए 6000X4000 इलाका खोजा था। इसी इलाके में JAXA ने अपने उसके स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) ने लैंडिग की। स्पेस एजेंसी की मानें तो उसका टारगेट स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग खोजे गए इलाके में ही करना था, जिसे उसने सफलतापूर्वक हासिल कर लिया है।ये जगह चांद के ध्रुवीय इलाके में है।
जापान का स्पेस क्राफ्ट जिस इलाके में उतरा है, वह चांद के ध्रुवीय क्षेत्र में आता है। इस जगह पर सबसे ज्यादा अंधेरा होता है। इस साइट का नाम शियोली क्रेटर है। एजेंसी की मानें तो उसका स्पेसक्राफ्ट एडवांस ऑप्टिकल और इमेज प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी से लैस है।
4 महीने तक तय किया सफर
मून स्नाइपर को जापान की JAXA, NASA और यूरोपियन एजेंसी ने मिलकर तैयार किया। जापान के तांगेशिमा स्पेस सेंटर के योशीनोबू कॉम्पलेक्स से इसे पिछले साल सितंबर में लॉन्च किया गया था। जापान का मून मिशन स्नाइपर 25 दिसंबर को चांद के ऑर्बिट में दाखिल हुआ। इसके बाद यह चांद के चक्कर काटता रहा। साथ ही धीरे-धीरे सतह की तरफ आगे बढ़ रहा था। जापान का यह मून मिशन 831 करोड़ से ज्यादा का है।
इससे पहले बीते साल भारत का चंद्रयान 3 भी चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतरकर अंतरिक्ष के क्षेत्र में इतिहास रच चुका है। अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चांद पर लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना था। वहीं, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना था।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 19 January 2024 at 22:44 IST