अपडेटेड 17 June 2025 at 20:38 IST
Israel Iran War: भीषण तबाही की ओर बढ़ रहा युद्ध! इजरायल की दो टूक- खामेनेई का अंजाम सद्दाम हुसैन जैसा तय
एक समय ऐसा भी आया जब दुनिया को नहीं पता था कि वह ज़िंदा हैं या मर चुके। आख़िरकार, अमेरिकी सेना ने उन्हें एक अंडरग्राउंड ठिकाने से गिरफ्तार किया, जहां वे पहचान छिपाकर जीवन बिता रहे थे। गिरफ्तारी के बाद सद्दाम को उनके ही महल में नजरबंद रखा गया। वहीं, जहां से कभी उन्होंने अपने दुश्मनों को डराया था।
Iran Israel War: पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के बीच इजरायल और ईरान के बीच चल रही छाया जंग अब खुली धमकियों में तब्दील होती दिख रही है। इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कात्ज़ ने मंगलवार को एक बेहद सख्त बयान जारी करते हुए ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को सीधे चेतावनी दी है। कात्ज़ ने कहा,'याद रखिए कि ईरान के पड़ोसी देश के तानाशाह जो इजरायल के खिलाफ था उसका क्या हश्र हुआ था।' यह इशारा स्पष्ट तौर पर इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन की ओर था, जिसे 2003 में अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन ने सत्ता से हटाकर फांसी दे दी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने हाल के हफ्तों में ईरान के कई शीर्ष सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों की लक्षित हत्या को अंजाम दिया है। सूत्रों के अनुसार, इजरायल ने खामेनेई को भी निशाना बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन अमेरिका के दबाव के चलते उसे यह कदम रोकना पड़ा।
इन घटनाओं ने पहले से ही तनावपूर्ण ईरान-इजरायल संबंधों को और अधिक विस्फोटक बना दिया है। जहां ईरान इजरायल पर क्षेत्रीय अस्थिरता फैलाने का आरोप लगाता रहा है, वहीं इजरायल ईरान को अपने अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है, विशेष रूप से उसके परमाणु कार्यक्रम के चलते। रक्षा मंत्री कात्ज़ के बयान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता से लिया जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की सीधी धमकी से दोनों देशों के बीच तनाव और गहराएगा और यह पूरे मिडिल ईस्ट क्षेत्र को अस्थिर कर सकता है। अमेरिका की भूमिका फिलहाल संतुलन साधने की है, लेकिन यदि दोनों देशों की बयानबाज़ी और कार्रवाई इस स्तर पर जारी रहती है, तो एक सीधा सैन्य टकराव अब कल्पना से परे नहीं लगता।
खामेनेई को सद्दाम जैसा अंजाम भुगतने की इजरायल ने दे दी चेतावनी
कभी लोहे की मुठ्ठी से इराक पर राज करने वाले सद्दाम हुसैन का अंत उतना ही नाटकीय और त्रासदपूर्ण रहा जितना उनका शासनकाल। 2003 में अमेरिकी सेना ने इराक पर हमला कर सद्दाम हुसैन को सत्ता से बेदखल कर दिया। इसके बाद वह अपने ही देश में छिपते-फिरते रहे, इसके बाद सद्दाम पर मानवाधिकार उल्लंघन और जनसंहार जैसे गंभीर आरोपों के तहत मुकदमा चलाया गया। अमेरिका समर्थित इराकी अंतरिम सरकार ने उन्हें दोषी ठहराया और 30 दिसंबर 2006 को फांसी दे दी गई। यहां सद्दाम को उनके अपने ही लोगों द्वारा सजा दी गई, और यह कार्यवाही इराक की नई सरकार के न्याय के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत की गई। एक समय का शक्तिशाली तानाशाह, जिसने दशकों तक पूरे मध्य-पूर्व को प्रभावित किया, अपने ही देश में, अपने ही नागरिकों के हाथों, कानूनी प्रक्रिया के तहत अंत को पहुंचा।
इजरायल अयातल्ला अली खामेनेई को खत्म कर देता लेकिन...
ईरान और इजरायल के बीच चल रहे गहरे तनाव के बीच एक और सनसनीखेज दावा सामने आया है। अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से खबरें सामने आई हैं कि इजरायल, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की हत्या की योजना बना चुका था, लेकिन तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उस योजना को वीटो कर रोक दिया। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने समाचार एजेंसी Reuters को बताया, 'अब तक ईरान ने किसी अमेरिकी नागरिक को नहीं मारा है, इसलिए अमेरिका ईरान के राजनीतिक नेतृत्व को लक्ष्य बनाने के पक्ष में नहीं है।' यह बयान उस व्यापक रणनीति को उजागर करता है जिसके तहत अमेरिका ने पश्चिम एशिया में तनाव को एक पूर्ण युद्ध में बदलने से रोकने की कोशिश की।
ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर क्या बोले ट्रंप?
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते टकराव के बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह इस संघर्ष में केवल संघर्षविराम (Ceasefire) नहीं, बल्कि एक स्थायी और वास्तविक समाधान चाहते हैं। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि अमेरिका ईरान को किसी भी स्थिति में परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देगा और इसके लिए हर आवश्यक कदम उठाया जाएगा। इजरायल ने हाल ही में ईरान पर सैन्य हमला किया, जिसके पीछे तर्क यह दिया गया कि ईरान अपने नागरिक परमाणु कार्यक्रम की आड़ में गुप्त रूप से परमाणु बम विकसित कर रहा है। इजरायल की सरकार का दावा है कि यह हमला ईरान की परमाणु क्षमताओं को रोकने के लिए आवश्यक था। हालां कि, ईरान ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। वहीं ट्रंप ने कहा, 'हम केवल अस्थायी शांति नहीं चाहते, बल्कि हमें इस समस्या का स्थायी समाधान चाहिए। ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होना चाहिए और अमेरिका ऐसा नहीं होने देगा।'
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 17 June 2025 at 20:38 IST