अपडेटेड 19 April 2024 at 13:51 IST
31 साल की दोस्ती के बाद कैसे आई ईरान-इजरायल के रिश्ते में दरार? जानें 45 साल की दुश्मनी की कहानी
आज एक-दूसरे के दुश्मन बने बैठे इजरायल और ईरान कभी बेहद करीबी दोस्त हुआ करते थे। जानें आखिर कैसे दोस्ती घातक दुश्मनी में तब्दील हो गई।
इजरायल और ईरान के आज एक-दूसरे का कट्टर दुश्मन बन चुका है। दोनों देश आपस में एक-दूसरे पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला कर रहे हैं। 13 अप्रैल को ईरान ने इजरायल के ऊपर 300 ड्रोन और मिसाइल दागे। हालांकि, इजरायल ने ईरान के इस एयर स्ट्राइक को बुरी तरह से फेल कर दिया, लेकिन इजरायल ने ईरान से अपने वक्त और तरीके से बदला लेन की कसम खाई है। वहीं दूसरी ओर ईरान लगातार धमकी दे रहा है कि अगर इजरायल अब हमला करता है तो इसका परिणाम बहुत बुरा हो सकता है। जो देश आज इस तरह से एक-दूसरे के दुश्मन बने बैठे हैं, क्या आपको बता है कि कभी इन दोनों देशों के बीच गहरी दोस्ती थी।
बता दें, इजरायल जब अस्तित्व में आया तो ईरान पहला ऐसा मुस्लिम देश था जिसने इजरायल को बतौर देश मान्यता दी थी। 1948 में इजरायल अस्तित्व में आया, जिसके लिए काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस दौरान दुनिया के अधिकतर मुस्लिम देश इजरायल के खिलाफ थे, और इसे एक देश के तौर पर मान्यता देने से इनकार कर रहे थे।
इजरायल को मान्यता देने वाला पहला देश था ईरान
जब सभी मुस्लिम देश इजरायल के खिलाफ थे, तब ईरान ने ही सबसे पहले इजरायल को मान्यता दी थी। इसके बाद इजरायल ने भारी तादाद में ईरान को हथियार सप्लाई करना शुरू कर दिया। वहीं ईरान भी इजरायल को तेल सप्लाई करने लगा। दोनों देशों के बीच दोस्ती इतनी गहरी थी कि इजरायल और ईरान की खुफिया एजेंसियों टेक्नोलॉजी के साथ-साथ ज्वाइंट ट्रेनिंग साथ में किए।
इजरायल-ईरान की गहरी दोस्ती में पड़ी दरार
ईरान में अयातुल्लाह खुमैनी की अगुवाई में इस्लामिक क्रांति की शुरुआत हुई, जिसके बाद दोनों देशों के संबंध में दरार पड़ने लगे। खुमैनी ने अमेरिका और इजरायल को शैतानी देश बताया और मुस्लिम राष्ट्र की मांग करने लगे। ऐसे में 1979 में ईरान पूरी तरह एक इस्लामिक देश बन गया और दोनों देशों के रिश्ते दम तोड़ने लगे।
दोस्त से दुश्मनी और दुश्मनों को लगाया गले
इस्लामिक क्रांति के बाद दोनों देशों की कूटनीति से लेकर आवाजाही पर काफी असर पड़ा। ईरान और इजरायल के बीच आवाजाही रुक गई। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच एयर रुट भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया। ईरान ने इजरायल के मान्यता देना बंद कर दिया और फिर आरोप लगाने लगे कि इजरायल ने फिलिस्तिनियों का हक मारा। दोनों देशों की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई। सीरिया, यमन और लेबनान जैसे देश इजरायल के विरोधी थे। वहीं ईरान ने इजरायल के दुश्मनों को गले से लगा लिया।
धीरे-धीरे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया। एक समय था जब दोनों देश सीमा से सटे होने के बावजूद भी अमन और चैन से रह रहे थे, लेकिन फिर आज एक वक्त ऐसा आया कि माना जा रहा है कि मिडिल ईस्ट में विनाशकारी महायुद्ध हो सकता है।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 19 April 2024 at 13:51 IST