अपडेटेड 7 October 2024 at 16:33 IST
'मुझे 12 गोलियां लगी...', इजरायल-हमास युद्ध की पूरी टाइमलाइन, गाजा में जगह-जगह तबाही के निशान
आज हमास हमले की पहले बरसी है और आज भी इजरायल के कई लोग हमास की कैद में है। इस हमले ने गाजा में युद्ध को जन्म दिया और इजरायलियों को कभी न भूलने वाला घाव।
Israel Hamas war: 7 अक्टूबर, इजरायल के इतिहास का सबसे काला दिन है। एक साल पहले आज ही के दिन, यानि 7 अक्टूबर, 2023 को हथियारों से लैस हमास के सैंकड़ों लड़ाकों ने इजरायल में घुसपैठ कर करीब 1200 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी और करीब 250 लोगों को आतंकी बंधक बनाकर अपने साथ ले गए थे। इस हमले के वीडियो और फोटो देख हर कोई सिहर उठा था। पिछले एक साल से इजरायल लगातार हमास पर हमले कर रहा है। IDF ने काफी हद तक हमास को खत्म कर दिया है।
आज हमास हमले की पहले बरसी है और आज भी इजरायल के कई लोग हमास की कैद में है। हमास की कायराना करतूत से शुरू हुई ये जंग अब मध्य पूर्व तक फैल गई है। पिछले एक साल में हजारों लोगों की जान गई और लाखों लोग विस्थापित हुए। इन हमलों के बाद से, अंतर्राष्ट्रीय प्रयास और अन्य समझौते कोई स्थायी परिणाम देने में विफल रहे हैं। इजरायल और हमास युद्ध की पहली वर्षगांठ पर दुनिया के प्रमुख शहरों में प्रदर्शन किए गए। जिसमें पेरिस, रोम, मनीला और लंदन जैसे शहर शामिल हैं।
पिछले एक साल का घटनाक्रम
- 7 अक्टूबर, 2023: हमास ने इजराइल पर बड़ा हमला किया जिसमें 1,200 लोग मारे गए और हजारों नागरिक घायल हो गए। आतंकवादी 251 बंधकों को भी गाजा वापस ले गया, जिनमें से बाद में कुछ के शव बरामद हुए। इस घातक हमले के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास को नष्ट करने की कसम खाई।
- 13 अक्टूबर, 2023: इजरायल ने गाजा में अपना बमबारी अभियान शुरू किया, अपनी घेराबंदी कड़ी कर दी और गाजा में आम नागरिकों को दक्षिण की ओर जाने का निर्देश दिया।
- 27 अक्टूबर, 2023: तेल अवीव ने गाजा में अपना आक्रामक हमला शुरू किया, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ।
- 15 नवंबर, 2023: इजरायली सैन्य टुकड़ियों ने गाजा में अल-शिफा अस्पताल पर छापा मारा।
- 24 नवंबर, 2023: इजरायल और हमास के बीच एक अस्थायी संघर्ष विराम हुआ, जिसके कारण बंधकों की अदला-बदली हुई। इस समझौते के तहत, हमास ने इजरायल द्वारा बंधक बनाए गए 240 फिलिस्तीनियों के बदले में 80 इजरायली बंधकों को रिहा कर दिया।
- मार्च, 2024: देशों ने गाजा में मानवीय संकट को संबोधित करना शुरू किया।
- 15 मार्च, 2024: अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के तहत साइप्रस ने गाजा को पहली मानवीय सहायता भेजी।
- 1 अप्रैल, 2024: इजरायली हमले में यूएस चैरिटी वर्ल्ड किचन के सात कर्मचारी मारे गए, इसे "दुखद गलती" कहा।
- 13 अप्रैल, 2024: सीरिया की राजधानी दमिश्क में अपने वाणिज्य दूतावास पर हमले के जवाब में ईरान ने इजरायलियों पर ड्रोन और मिसाइलें दागीं।
- 13 जुलाई, 2024: दक्षिणी गाजा में एक हमले में हमास के सैन्य प्रमुख मोहम्मद दीफ की मौत हो गई।
- 20 जुलाई, 2024: तेल अवीव पर ड्रोन हमले के बाद इजरायल और यमन के हूती विद्रोहियों के बीच तनाव बढ़ गया।
- 30 जुलाई, 2024: गोलान हाइट्स में एक रॉकेट हमले में कम से कम 12 बच्चे मारे गए, हालांकि, हमास ने जिम्मेदारी से इनकार किया।
कभी न भूलने वाला घाव
7 अक्टूबर को इजरायल पर हुआ हमास का यह हमला देश के इतिहास में सबसे घातक था। सोमवार को हमले के एक साल पूरे होने पर देशवासी रैली निकाल रहे हैं और शोक समारोह आयोजित कर रहे हैं। इस हमले ने गाजा में युद्ध को जन्म दिया और इजरायलियों को कभी न भूलने वाला घाव दे दिया। इस हमले की गूंज एक साल बाद भी सुनाई दे रही है।
गाजा में युद्ध आक्रामक हो गया है। इजरायल, हिजबुल्लाह के खिलाफ एक नया युद्ध लड़ रहा है और ईरान के साथ संघर्ष गहरा रहा है जिससे इस क्षेत्र के और खतरनाक संघर्ष की ओर बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। युद्ध की तबाही झेल रहे गाजा में कोई औपचारिक स्मारक कार्यक्रम की योजना नहीं है।
नोवा म्यूजिक फेस्टिवल में 400 की मौत
एक साल पहले आज ही के दिन सुबह ठीक साढ़े छह बजे जब हमास ने हमला शुरू किया था तो नोवा म्यूजिक फेस्टिवल में मारे गए लोगों के परिवारजन उस स्थल पर एकत्रित हुए जहां करीब 400 लोगों को गोली मार दी गयी थी और कई अन्य लोगों को बंधक बना लिया गया था। गाजा में अब भी आतंकवादियों के चंगुल में फंसे लोगों के परिवार के सदस्य प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के यरुशलम आवास के बाहर एकत्रित हुए और दो मिनट के सायरन के दौरान खड़े रहे जो नरसंहार की स्मृति दिवस पर निभायी जाने वाली परंपरा को दर्शाता है।
इस हमले के बाद गाजा में शुरू हुए युद्ध में 41,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं, क्षेत्र की 23 लाख की आबादी में से ज्यादातर लोग विस्थापित हो गए हैं और एक मानवीय संकट पैदा हो गया है। इस युद्ध ने गाजा में जगह-जगह तबाही के निशान छोड़े हैं।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 7 October 2024 at 16:33 IST