अपडेटेड 12 March 2023 at 15:20 IST
रूस से सुखोई-35 लड़ाकू जेट खरीदेगा ईरान, सामरिक नजदीकी से अमेरिका को जरूर होगी परेशानी
तेहरान ने सुखोई Su-35 लड़ाकू जेट (Sukhoi-35 Fighter Jet) के लिए मास्को के साथ एक समझौते को पूरा किया है।
ईरान और रूस (Iran and Russia) के बीच नए मिलिट्री एग्रीमेंट (Military Agreement) से दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनीतिक संबंध और गहरे हो गए हैं। हाल ही में, तेहरान ने सुखोई Su-35 लड़ाकू जेट (Sukhoi-35 Fighter Jet) के लिए मास्को के साथ एक समझौते को पूरा किया है। इसे लेकर दोनों देशों ने आधिकारिक बयान भी जारी कर दिया है।
समाचार एजेंसी टाइम्स ऑफ इजराइल के अनुसार, ईरानी वायु सेना के लिए रूस से सुखोई-35 की खरीद की जा रही है। इजराइल की आधिकारिक न्यूज एजेंसी ने संयुक्त राष्ट्र में देश के मिशन के हवाले से कहा, "मॉस्को ईरान को लड़ाकू जेट देने के लिए तैयार है।" इस बयान में कहा गया है, "सुखोई Su-35 लड़ाकू विमानों को तकनीकी रूप से ईरानी एविएशन एक्सपर्ट ने मंजूरी दी थी और इसलिए ईरान ने उन विमानों को खरीदने के एग्रीमेंट को अंतिम रूप दिया।"
हालांकि मास्को ने तुरंत इस समझौते की पुष्टि नहीं की। आधिकारिक IRNA समाचार एजेंसी के शुक्रवार देर रात 10 मार्च को जारी एक बयान के अनुसार, "रूस ने घोषणा की कि वह उन्हें बेचने के लिए तैयार है।" गौरतलब है कि, संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 2231 में ईरान पर पारंपरिक हथियार प्राप्त करने पर बैन अक्टूबर 2020 में समाप्त हो रहा था।
इस बयान में कहा गया है, "सुखोई-35 लड़ाकू विमान तकनीकी रूप से ईरान के लिए बेहतरीन थे।" पिछले एक साल में, तेहरान और मॉस्को ने घनिष्ठ सैन्य और अन्य सहयोग विकसित किया है।
यूक्रेन ने ईरान पर रूस को ड्रोन देने का आरोप लगाया
अल अरेबिया न्यूज के अनुसार, कीव ने तेहरान पर मॉस्को Shahed-136 "कामिकेज" ड्रोन देने का आरोप लगाया है, जिनका इस्तेमाल पिछले साल फरवरी में रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से कई इलाकों में टारगेट हमलों में किया। हालांकि ईरान ने इस दावे का खंडन किया है। ईरान और रूस के बीच बढ़ते मिलिट्री सहयोग ने संयुक्त राज्य अमेरिका को चिंतित कर दिया है। पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने दिसंबर में कहा था कि रूस तेहरान को अपने लड़ाकू विमानों की आपूर्ति कर सकता है।
तेहरान और मॉस्को के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ावा
साल की शुरुआत में, सूत्रों ने कहा कि ईरान ने रूस के 24 जेट विमानों के साथ-साथ कई और सैन्य उपकरणों जैसे एयर डिफेंस सिस्टम, मिसाइल सिस्टम और हेलीकाप्टरों की खरीद के लिए कहा था। ईरान के पास वर्तमान में बड़े पैमाने पर सोवियत-युग के मिग और रूस के सुखोई लड़ाकू जेट और साथ ही चीन के कुछ F-7 विमान हैं।
ईरानी सेना के बेड़े में 1979 में इस्लामिक क्रांति से पहले बने अमेरिकी F-4 और F-5 फाइटर जेट भी शामिल हैं। 2019 में, तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के तहत ईरान परमाणु समझौते से एकतरफा बाहर निकलने के एक साल बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंधों को फिर से लागू करना शुरू कर दिया।
अपने परमाणु कार्यक्रम पर सीमाओं के बदले में, ईरान को 2015 के समझौते के तहत अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से राहत मिली, जिसे आधिकारिक तौर पर संयुक्त व्यापक कार्य योजना या JCPOA के रूप में जाना जाता है।
Published By : Nripendra Singh
पब्लिश्ड 12 March 2023 at 15:20 IST