अपडेटेड 2 June 2024 at 08:17 IST

UN में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज हुईं रिटायर, 37 साल विदेश सेवा के बाद हुईं सेवानिवृत्त

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज 37 साल तक विदेश सेवा देने के बाद शनिवार को रिटायर हो गईं।

UN में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज हुईं रिटायर। | Image: PTI

संयुक्त राष्ट्र में भारत की पहली महिला प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज आज रिटायर हो गईं। करीब 37 साल तक विदेश सेवा देने के बाद रुचिरा कंबोज की शनिवार को विदाई हो गई। रुचिरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने रिटायरमेंट की घोषणा की।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी तस्वीर शेयर कर उन्होंने लिखा, "असाधारण वर्षों और अविस्मरणीय अनुभवों के लिए धन्यवाद, भारत।" बता दें, UN में भारत का अगला स्थायी प्रतिनिधि कौन होगा, इसका अबतक ऐलान नहीं किया गया है।

वहीं रुचिरा कंबोज के जवाब में, संयुक्त राष्ट्र, न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी मिशन ने रुचिरा कंबोज को उनके उत्कृष्ट नेतृत्व और देश के प्रति समर्पण के लिए धन्यवाद किया। इसके साथ ही उन्हें सेवानिवृत्ति की शुभकामनाएं दीं। भारत के स्थायी मिशन ने कहा, "आपके अविश्वसनीय नेतृत्व और समर्पण के लिए धन्यवाद मैडम राजदूत। टीम PMI और भारत के लिए आपकी विरासत और योगदान को हमेशा संजोया जाएगा। आपको एक सुखद और संतुष्टिदायक सेवानिवृत्ति की शुभकामनाएं!"

रुचिरा कंबोज ने की अपने इंटर्नस की तारीफ

रुचिरा कंबोज ने अपने इंटर्नस की प्रशंसा करते हुए कुछ तस्वीरें भी साझा कीं और कहा, "मुझे अब तक की सबसे बेहतरीन इंटर्न के साथ काम करने का सौभाग्य मिला! काव्या जैन और सहाना रविकुमार, इन बेहद सक्षम युवा महिलाओं ने सभी उम्मीदों को पार कर दिया। क्या मैं इससे ज्यादा की उम्मीद कर सकती थी? बिल्कुल नहीं!"

UN में भारत का प्रतिनिधि करने वाली पहली महिला हैं रुचिरा

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के अनुसार, रुचिरा कंबोज ने 2 अगस्त 2022 को महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को अपना परिचय पत्र देने के बाद औपचारिक रूप से न्यूयॉर्क में भारत के पीआर/राजदूत का पदभार संभाला था। वह इस पद को ग्रहण करने वाली भारत की पहली महिला राजनयिक हैं। उन्होंने पेरिस, फ्रांस से अपनी कूटनीतिक यात्रा शुरू की, जहां वह 1989-1991 तक फ्रांस में भारतीय दूतावास में तीसरे सचिव के रूप में तैनात रहीं।

पेरिस से, वह दिल्ली लौट आईं, जहां उन्होंने 1991-96 तक भारत के विदेश मंत्रालय के यूरोप पश्चिम प्रभाग में अवर सचिव के रूप में काम किया, जहां उन्होंने फ्रांस, यूके, बेनेलक्स देशों, इटली, स्पेन और पुर्तगाल के साथ काम किया। इस क्षमता में, उन्होंने राष्ट्रमंडल देशों के साथ भारत के संबंधों को भी संभाला, अक्टूबर 1995 में ऑकलैंड, न्यूजीलैंड में 14वें राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक में देश का प्रतिनिधित्व किया।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 2 June 2024 at 07:37 IST