अपडेटेड 13 September 2025 at 19:29 IST

नेपाल में कैसे चुना जाता है प्रधानमंत्री? लोकसभा में हैं कुल 275 सीटें हैं, लोकतंत्र लागू होने से अब तक नहीं बनी पूर्ण बहुमत की सरकार

Nepal Election : नेपाल में संसदीय चुनाव हर 5 साल में होते हैं और प्रधानमंत्री का चयन संसद के निचले सदन के माध्यम से होता है। पूर्ण बहुमत की कमी ने देश में राजनीतिक अस्थिरता को बढ़ावा दिया है।

नेपाल में कैसे चुना जाता है प्रधानमंत्री? | Image: ANI

Nepal Election News : नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बाद सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की (Sushila Karki) ने 12 सितंबर की रात अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री हैं। इस बीच नेपाल में आम चुनाव की तारीख का ऐलान भी हो गया है।

नेपाल राष्ट्रपति ऑफिस की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, अगले साल 5 मार्च को नेपाल में आम चुनाव होगा। नियम के अनुसार नेपाल में अंतरिम सरकार का गठन होने के बाद 6 महीने के अंदर ही आम चुनाव होने चाहिए।

कैसा होता है प्रधानमंत्री का चुनाव?

नेपाल एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जिसमें प्रधानमंत्री का चुनाव और चयन एक प्रक्रिया के तहत होता है। नेपाल की लोकसभा में कुल सदस्यों की संख्या 275 है। इनमें से 165 सीट पर जनता अपने प्रतिनिधी चुनाव के माध्यम से चुनती है, जबकि 110 सीटों पर सांसद नामांकन (Nominated) किए जाते हैं। 110 सीटों पर नामांकन अलग-अलग समुदायों, अल्पसंख्यकों और विशेषज्ञों को प्रतिनिधित्व देने के लिए किया जाता है। यह व्यवस्था नेपाल के संविधान 2015 के तहत बनाई गई है, जो देश की शासन व्यवस्था को नियंत्रित करती है।

2 दशक से नहीं मिला पूर्ण बहुमत

नेपाल में संसदीय चुनाव हर 5 साल में होते हैं और प्रधानमंत्री का चयन संसद के निचले सदन लोकसभा के माध्यम से होता है। कोई भी दल या गठबंधन जो संसद में बहुमत (कम से कम 138 सीटें) हासिल करता है, उसे सरकार बनाने का अधिकार होता है। अगर किसी दल को स्पष्ट बहुमत मिलता है, तो उस दल का नेता सामान्य रूप से प्रधानमंत्री बनता है। 

हालांकि, पिछले दो दशकों से नेपाल में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। जिस वजह से गठबंधन सरकार बनती है और सहयोगी दलों के बीच सहमति से प्रधानमंत्री का चयन किया जाता है। राष्ट्रपति बहुमत वाले दल या गठबंधन के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है।

विश्वास मत जरूरी

प्रधानमंत्री की नियुक्ति के बाद 30 दिनों के अंदर प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल करना होता है। इसके लिए उन्हें कम से कम 138 सांसदों का समर्थन चाहिए। अगर पार्टी विश्वास मत प्राप्त नहीं कर पाती है, तो राष्ट्रपति दूसरे दलों या गठबंधनों को सरकार बनाने का मौके देते हैं।

नेपाल में गठबंधन सरकारें आम हैं, क्योंकि कोई भी दल हाल के वर्षों में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाया है। गठबंधन के सहयोगी दलों के बीच सत्ता साझा करने के लिए समझौते किए जाते हैं, जिसमें प्रधानमंत्री पद का बारी-बारी से नेतृत्व भी शामिल हो सकता है।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 13 September 2025 at 19:29 IST