अपडेटेड 21 November 2025 at 09:14 IST
Vietnam: वियतनाम में कुदरत का कहर, बाढ़-भूस्खलन से भारी तबाही, अब तक 40 मौतें; पलक झपकते नदी में समा गया लोहे का पुल-Video
वियतनाम के सेंट्रल और सदर्न इलाकों में बाढ़ और लैंडस्लाइड से कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई है और दस लोग लापता हैं। बीते तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से हर तरफ तबाही-तबाही का मंजर है।
वियतनाम में कुदरत का कहर का जारी है। बाढ़-भूस्खलन से हर तरफ तबाही ही तबाही मच रही है। मध्य क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने पूरे इलाके को जलमग्न कर दिया है। भयंकर बाढ़ और लैंडस्लाइड की चपेट में आकर अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है तो 10 लोग लापता हैं। वहीं, हजारों लोग बेघर हो गए है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है।
वियतनाम के सेंट्रल और सदर्न इलाकों में बाढ़ और लैंडस्लाइड से कम से कम 40 लोगों की मौत हो गई है और दस लोग लापता हैं। डाक लाक प्रांत में सबसे ज्यादा 16 लोगों की मौत हुई है। दूसरी मौतों में खान होआ प्रांत में 14, लाम डोंग प्रांत में चार, जिया लाई प्रांत में तीन, ह्यू शहर में दो और डा नांग शहर में एक मौत शामिल है। गुरुवार शाम तक, बाढ़ से 13,000 हेक्टेयर से ज्यादा चावल और फसलों को नुकसान हुआ है। इन इलाकों में कुल 30,731 जानवर और मुर्गियां मारे गए या बह गए।
72 घंटों में 150 सेंटीमीटर से अधिक बारिश
पिछले 72 घंटों में कई इलाकों में 150 सेंटीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई है। इसके चलते 52,000 से ज्यादा घर पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। रेस्क्यू कर करीब 62,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रेन पास पर लैंडस्लाइड और मिमोसा पास में दरार के कारण लाम डोंग प्रांत को इमरजेंसी घोषित करनी पड़ी है। इस बीच एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसे देख तबाही का अंदाजा लगाया जा सकता है।
नदी में समा गया लोहे का पुल
जो लैम डोंग इलाके में स्थित डा न्हिम नदी में देखते ही देखते भारी भरकम लोहे का पुल नदी में समा गया। स्थानीय लोगों इस घटना को कैमरे में कैद किया जो अब वायरल हो रहा है। यह पुल दो गांवों को जोड़ता था, कई दशकों से आम लोगों के लिए आने-जाने का रास्ता भी था। इधर,वियतनाम के मौसम विभाग ने कहा कि सेंट्रल तटीय क्षेत्र, सेंट्रल हाइलैंड्स और दक्षिणी क्षेत्र सहित कई इलाकों में भारी बारिश का अनुमान है, जिससे छोटी नदियों और नालों में अचानक बाढ़ आ सकती है।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 21 November 2025 at 09:06 IST