अपडेटेड 4 August 2021 at 12:10 IST
China-Pakistan Economic Corridor के प्रमुख असीम बाजवा का इस्‍तीफा, भ्रष्‍टाचार का लगा है आरोप
2015 में शुरू किया गया चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा चीन की बेल्ट एंड रोड पहल की प्रमुख परियोजना है जिसका उद्देश्य चीन से बड़े पैमाने पर निवेश लाना है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रमुख सहयोगी ( Imran Khan) लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) असीम सलीम बाजवा (Asim Saleem Bajwa) ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (China-Pakistan Economic Corridor) के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी जगह अब खालिद मंसूर लेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि खालिद मंसूर को तत्काल प्रभाव से CPEC मामलों पर पीएम के विशेष सहायक के रूप में नियुक्त किया जाए। मंसूर को ऊर्जा और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों में 32 वर्षों से अधिक का अनुभव है।
आपको बता दें कि 2015 में शुरू किया गया चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) चीन की बेल्ट एंड रोड पहल की प्रमुख परियोजना है जिसका उद्देश्य चीन से बड़े पैमाने पर निवेश लाना और पाकिस्तान के लोगों के लिए हजारों रोजगार के अवसर पैदा करना है। अक्टूबर 2019 में, पाकिस्तान सरकार ने CPEC परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए विपक्ष की तीखी आलोचना के बावजूद एक अध्यादेश के माध्यम से CPEC प्राधिकरण बनाया था। 2012 से 2016 तक पाकिस्तान सशस्त्र बलों की मीडिया विंग इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस का नेतृत्व करने वाले असीम सलीम बाजवा ने नवंबर 2019 में CPEC प्राधिकरण का कार्यभार संभाला।
2019 में ही बाजवा पाकिस्तान सेना से सेवानिवृत्त हुए थे। जबकि उन्हें अप्रैल 2020 में सूचना और प्रसारण पर पीएम इमरान खान के विशेष सलाहकार के रूप में भी नियुक्त किया गया था, जहां से उन्होंने अक्टूबर 2020 में इस्तीफा दे दिया था। उनका यह इस्तीफा भ्रष्टाचार के एक मामले में नाम आने के बाद हुआ था। CPEC के प्रमुख के पद से इस्तीफा देने के बाद बाजवा ने पाकिस्तान के पीएम को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सीपीईसी पाकिस्तान के लिए जीवन रेखा है, यह हमें एक प्रगतिशील और पूरी तरह से विकसित देश में बदल देगा।
पद पर रहते हुए अरबों की संपत्ति बनाने का लगा आरोप
27 अगस्त, 2020 को 'फैक्ट फोकस' पोर्टल पर पाकिस्तानी पत्रकार अहमद नूरानी द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, असीम बाजवा के परिवार के व्यापारिक साम्राज्य के विकास का सीधा संबंध सेवानिवृत्त आर्मीमैन के बढ़ते करियर ग्राफ से है। बाजवा के छोटे भाइयों ने 2002 में अपना पहला पापा जॉन का पिज्जा रेस्टारेंट खोला, जब वह पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के साथ मिलकर काम कर रहे थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उनकी पत्नी, भाइयों और दो बेटों के पास 4 देशों में 99 कंपनियों का स्वामित्व है, जिसमें 39.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पिज्जा फ्रैंचाइज़ी भी शामिल है।
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Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 4 August 2021 at 12:10 IST