अपडेटेड 7 March 2025 at 21:16 IST

बांग्लादेश: प्रतिबंधित इस्लामी समूह की रैली में पुलिस ने किया लाठीचार्ज, आंसूगैस के गोले दागे

पुलिस ने बताया कि साप्ताहिक नमाज के बाद हुई हिंसा में कई लोग घायल हो गए और कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।

बांग्लादेश में हिंसा, पुलिस ने लाठीचार्ज की और आंसू गैस के गोले छोड़े | Image: Republic/AP

ढाका, सात मार्च (एपी) बांग्लादेश में पुलिस ने ढाका में मुख्य बैतुल मोकर्रम मस्जिद के पास शुक्रवार को मार्च कर रहे प्रतिबंधित हिज्ब-उत-तहरीर समूह के हजारों सदस्यों को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया और ‘स्टन ग्रेनेड’ का इस्तेमाल किया।

पुलिस ने बताया कि साप्ताहिक नमाज के बाद हुई हिंसा में कई लोग घायल हो गए और कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।

ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के उपायुक्त मसूद आलम ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दी। इसके बाद रैली में आई भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की गयी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इस घटना में कई लोग घायल हुए हैं।

यह घटना उस समय घटी जब 3,000 से 5,000 प्रदर्शनकारी जुलूस में शामिल हुए और नारे लगा रहे थे कि “आजादी का एक ही रास्ता है, खिलाफत, खिलाफत” और “नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर”।

इस्लामी समूह ने हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर अभियान चलाया था और ढाका में पर्चे बांटे थे तथा पोस्टर लगाकर लोगों से जुलूस में शामिल होने का आग्रह किया था, जिसे “खिलाफत के लिए मार्च” कहा गया था।

हिज्ब-उत-तहरीर का कहना है कि वह समय के साथ सभी मुस्लिम देशों को एक एकीकृत इस्लामी राज्य या खिलाफत में एकीकृत करना चाहता है, जिसका नेतृत्व मुसलमानों द्वारा निर्वाचित खलीफा करेगा। इसके समर्थकों का मानना ​​है कि यह अल्लाह द्वारा निर्धारित एक दायित्व है, और चेतावनी दी है कि अल्लाह उन मुसलमानों को दंडित करेगा जो इस कर्तव्य की अनदेखी करेंगे। यह शरिया कानून की शुरुआत भी चाहता है।

इस समूह को 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार द्वारा आतंकवाद विरोधी कानून के तहत “सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा” बताते हुए प्रतिबंधित कर दिया गया था।
 

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 7 March 2025 at 21:16 IST