अपडेटेड 24 May 2025 at 08:58 IST
अब पाकिस्तान की राह पर बांग्लादेश! सेना और सरकार में बढ़ी तकरार; क्या मोहम्मद यूनुस का गेम हो गया ओवर?
ढाका में सत्ता की रस्साकशी अपने चरम पर है। एक कोरिडोर के फैसले ने यूनुस सरकार को घुटने पर ला दिया। इधर सेना ने चुनाव का अल्टीमेटम दे दिया है।
भारत के एक ओर पड़ोसी मूल्क बांग्लादेश में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। यहां तख्तापलट की आशंका जताई जा रही है। एक कॉरिडोर को लेकर सरकार और सेना आमने-सामने हो गई। हालात ऐसे हो गई है कि बांग्लादेश भी पाकिस्तान की राह पर चल पड़ा है और अब एक बार फिर ढाका में हिंसक प्रदर्शनों की आशंका जताई जा रही है। इधर अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने अपने इस्तीफा का इशारा कर दिया है।
बांग्लादेश में 9 महीने पहले शेख हसीना का तख्तापलट हुआ था और अंतरिम सरकार बनी थी। मोहम्मद युनूस को उसका प्रमुख बनाया गया था। इस तख्तापलट के दौरान पूरे देश में महीनों तर हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी। अब देश एक बार फिर इसी राह पर चल पड़ा है। मोहम्मद यूनुस और बाग्लादेशी सेना के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है, लिहाजा बांग्लादेश एक बार फिर अराजकता की ओर बढ़ चला है।
बांग्लादेश में तख्तापलट की आहट
अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने इशारों-इशारों में यहां तक कह दिया कि वो बंधक जैसा महसूस कर रहे हैं और जब तक राजनीतिक दल आम सहमति तक नहीं पहुंचते, वह काम नहीं कर पाएंगे। ऐसे में सवाल है कि क्या बांग्लादेश के बार फिर सत्ता परिवर्तन और तख्तापलट की ओर बढ़ रहा है? क्या इस्लामिक कट्टरपंथी सत्ता पर कब्जा करेंगे?
सेना ने चुनाव का अल्टीमेटम दिया
ढाका में सत्ता की रस्साकशी अपने चरम पर है। एक कोरिडोर के फैसले ने यूनुस सरकार को घुटने पर ला दिया। बांग्लादेशी सेना के प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने यूनुस सरकार को अवैध करार दे दिया है तो बौखलाए मोहम्मद यूनुस ने इस्तीफे की बात कह दी है। जनरल वाकर-उज-जमान ने साफ-साफ और सख्त लहजे में कह दिया है कि देश के भविष्य एक गैर- निर्वाचित सरकार तय नहीं करेगी। सेना प्रमुख ने 2025 तक चुनाव कराने का दवाब बनाया है, ताकि 2026 की शुरुआत बांग्लादेश में एक नई और चुनी हुई सरकार के साथ हो।
इस कॉरिडोर ने बढ़ाया टेंशन
बता दें कि म्यांमार के राखाइन प्रांत के लिए एक मानवीय कॉरिडोर प्रस्तावित किया था, जिसे जनरल वकार ने 'ब्लडी कॉरिडोर' करार देकर खारिज कर दिया। उनका कहना है कि ये बांग्लादेश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा है और सेना अब अराजकता या भीड़ हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी। वकार ने यह भी कहा है कि यूनुस, सैन्य मामलों में हस्तक्षेप बंद करें और प्रस्तावित रखाइन कॉरिडोर जैसे प्रमुख मुद्दों की जानकारी सेना को देते रहें, क्योंकि वो कोई चुनी हुई सरकार के नेता नहीं हैं।
क्या यूनुस अपनी कुर्सी बचा पाएंगे?
इस बार सेना वकार के साथ खड़ी है तो ये बात भी बांग्लादेश में बड़े टकराव की ओर इशारा कर रहा है। तो अपने ही देश में घिरे रहे मोहम्मद यूनूस ने समर्थन जुटाने के इस्तीफे का आखिरी दांव खेला है। वो छात्रों के जरिए ये मांग रख रहे हैं कि वो बिना चुनाव लड़े 5 साल सत्ता में रहें। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या यूनुस अपनी कुर्सी बचा पाएंगे या बांग्लादेश में फिर से तख्तापलट की आहट है?
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 24 May 2025 at 07:55 IST