अपडेटेड 22 May 2025 at 10:36 IST
PL-15 Missile: भारत में गिरी चीनी मिसाइल के मलबे पर कई देशों की नजर, क्यों US-फ्रांस से जापान तक दिखा रहे दिलचस्पी? जानिए वजह
पंजाब के होथियारपुर के खेत में चीनी मिसाइल PL-15E का मलबा भी गिरा मिला था। मिसाइल के छोटे-छोटे टुकड़े पंजाब में अन्य जगहों पर भी मिले।
Chinese Missile PL-15E: भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद चरम पर पहुंचे तनाव के बाद 12 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर मार्शल एके भारती ने एक तस्वीर दिखाईं, जिसे देख दुनियाभर में खलबली मची। तस्वीर में चीन की PL-15E मिसाइल नजर आ रही है, जिसे पाकिस्तान ने भारत की ओर दागने की कोशिश की। लेकिन भारतीय वायुसेना ने इसे हवा में ही ट्रैक कर लिया और नीचे गिरा दिया। अब इसी चीनी मिसाइल के मलबे को लेकर कई देशों में होड़ मच गई है। अमेरिका से लेकर जापान, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों ने भारत से चीन की मिसाइल के मलबे की मांग की है। सवाल उठ रहा है कि आखिर क्यों इन देशों को चीनी मिसाइल के मलबे में इतनी दिलचस्पी है?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को नेस्ताबूत किया था। भारत के इस ऑपरेशन से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर कई हमले करने के नाकाम प्रयास किए। इस दौरान उनसे चीन और तुर्किये से मिले हथियारों का खूब इस्तेमाल किया था। हालांकि सेना ने पाकिस्तान से आए हथियारों को मार गिराया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाई थीं तस्वीरें
इस दौरान ही पंजाब के होथियारपुर के खेत में चीनी मिसाइल PL-15E का मलबा भी गिरा मिला था। मिसाइल के छोटे-छोटे टुकड़े पंजाब में अन्य जगहों पर भी मिले। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों ने मलबे की तस्वीरें भी दिखाई थीं। तस्वीरों में देखने मिला की चीनी मिसाइल काफी हद तक सुरक्षित है। ऐसे में इसके बाद फ्रांस से लेकर जापान और फाइव आईज देशों ने चीनी मिसाइल के मलबे में दिलचस्पी दिखाई। दरअसल, ये देश मिसाइल की जानकारी हासिल करने के लिए इसकी जांच करना चाहते हैं।
मिसाइल के टुकड़ों से जानना चाहता हैं राज
ऐसा पहली बार हुआ, जब चीनी मिसाइल किसी देश के हाथ लगी हो। भारत को जो इसके सही सलामत टुकड़े मिले, उससे मिसाइल को लेकर कई जानकारियां हासिल की जा सकती है। मिसाइल के रडार सिग्नेचर, गाइडेंस सिस्टम, इंजन और वॉरहेड जैसी अहम जानकारी मिल सकती है।
यह देश को चीनी मिसाइल से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए इसके टुकड़े में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। देखा जाए तो फ्रांस और जापान जैसे देशों ने हवा से हवा में हमला करने वाली एडवांस मिसाइल सिस्टम में काफी निवेश करता आया है। ऐसे में अब वो PL-15E मिसाइल तकनीक को अध्ययन करना कर इसकी जानकारी जुटाने चाहते हैं। फ्रांस की नजर भी मिसाइल के टुकड़े से जुड़ी स्टडी पर इसलिए है क्योंकि इसका मुकाबला उसके राफेल जेट में इस्तेमाल होने वाली मीट्योर मिसाइल से माना जाता है। फाइव आईज देशों की मिसाइल से जुड़ी जानकारी हासिल करना चाहते हैं।
PL-15 मिसाइल को लेकर डींगे हांकड़ा आया है चीन
चीन अपनी PL-15E मिसाइल को लेकर काफी डींगे हांकता था। चीन इसे अपनी सबसे आधुनिक और घातक एयर-टू-एयर मिसाइल बताता आया है। PL-15 मिसाइल की रेंज 200-300 किमी तक के टारगेट को निशाना बना सकती है। इसकी गति 5960 किमी प्रति घंटे बताई जाती है। वहीं, PL-15E की ही पूरी तकनीक PL-15 की है, केवल इसकी मारक क्षमता थोड़ी कम दूरी की है। इसके अलावा मिसाइल में AESA रडार का भी इस्तेमाल हुआ है जो सटीक टारगेट पर हमला कर सकती है। हालांकि भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने इसे बेअसर कर दिया।
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Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 22 May 2025 at 10:36 IST