अपडेटेड 25 October 2025 at 12:27 IST
अफगानिस्तान-पाकिस्तान का संघर्ष होगा खत्म? दोनों देशों के बीच तुर्किये में आज दूसरे दौर की वार्ता, आखिर क्या है विवाद?
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच करीब 2,611 किलोमीटर लंबी दुर्लभ लाइन हमेशा से विवादों में रही है। अफगानिस्तान इस सीमा को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं देता, जिससे बार-बार झड़पें होती रहती हैं।
Pakistan Afghanistan conflict : दक्षिण एशिया में सीमा विवादों से जूझ रहे पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति बहाली के प्रयासों को लेकर शनिवार (25 अक्टूबर, 2025) को तुर्किए में दूसरे दौर की बैठक होनी है। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल इस्तांबुल में दूसरे दौर की महत्वपूर्ण वार्ता में हिस्सा लेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य दुर्लभ लाइन (दुरंध लाइन) पर बढ़ते तनाव को कम करना और अफगान मिट्टी से होने वाले आतंकी हमलों को रोकना है।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अधिकारी सीमा तनाव का बातचीत के जरिए समाधान खोजने और अफगान धरती से आतंकवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए दूसरे दौर की वार्ता करने वाले हैं। पहले दौर की बैठक 19 अक्टूबर को कतर के दोहा में आयोजित हुई थी, जहां कतर और तुर्किए की मध्यस्थता में दोनों पक्षों ने सीमा पर तत्काल शांति सुनिश्चित करने पर सहमति जताई थी। उस बैठक के बाद सीमा पर कुछ हद तक शांति बहाल हुई है।
कई मुद्दों पर होगी चर्चा
अफगानिस्तान की ओर से अंतरिम सरकार के आंतरिक मंत्रालय के उप मंत्री मौलवी रहमतुल्लाह नजीब के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल वार्ता में भाग लेगा। अफगान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने पुष्टि की है कि बैठक में बाकी बचे मुद्दों पर बैठक में चर्चा होगी, जिसमें सीमा सुरक्षा और पारस्परिक विश्वास बहाली शामिल है। इसमें तुर्किए मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है, जो दोनों देशों के बीच संवाद को मजबूत करने में सहायक साबित हो रहा है।
सीमा पर तनाव
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच करीब 2,611 किलोमीटर लंबी दुर्लभ लाइन हमेशा से विवादों में रही है। अफगानिस्तान इस सीमा को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं देता, जिससे बार-बार झड़पें होती रहती हैं। 2021 में तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से पाकिस्तान में सक्रिय तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) जैसे संगठनों ने अफगान सीमा से हमले तेज कर दिए हैं। इन हमलों में सैनिकों और नागरिकों दोनों की जानें गई हैं।
हाल ही में स्पिन बोल्डक सीमा क्रॉसिंग को करीब दो सप्ताह के लिए बंद करना पड़ा था, जब अफगान और पाकिस्तानी सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हुई। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान आतंकियों को पनाह दे रहा है, जबकि अफगानिस्तान इसे पाकिस्तान की आंतरिक नीतियों से जोड़ता है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इस्तांबुल वार्ता अगर सफल रही, तो न केवल सीमा पर शांति लौटेगी, बल्कि दक्षिण एशिया में व्यापार और लोगों के आवागमन को बढ़ावा मिलेगा।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 25 October 2025 at 12:27 IST