अपडेटेड 31 March 2025 at 21:02 IST
पाकिस्तान में रमजान के दौरान पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा आतंकवादी हमले हुए
पाकिस्तान में रमजान के महीने के दौरान पिछले एक दशक में सबसे अधिक आतंकवादी हमले हुए। यह बात सोमवार को एक ‘थिंक टैंक’ ने कही।
पाकिस्तान में रमजान के महीने के दौरान पिछले एक दशक में सबसे अधिक आतंकवादी हमले हुए। यह बात सोमवार को एक ‘थिंक टैंक’ ने कही। कुछ आतंकवादी समूह पूर्व में रमजान के दौरान हिंसक गतिविधियां नहीं करते थे, लेकिन हाल के वर्षों में देश में हिंसा में समग्र वृद्धि देखी गई है।
‘पाक इंस्टिट्यूट फॉर पीस स्टडीज’ ने कहा कि पाकिस्तान में रविवार को समाप्त हुए रमजान के दौरान कम से कम 84 हमले हुए। इसने कहा कि पिछले साल रमजान के दौरान 26 हमले हुए थे।
पाकिस्तानी तालिबान ने नवंबर 2022 में सरकार के साथ किये गए एकतरफा संघर्षविराम को समाप्त कर दिया था, जबकि बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने बड़े पैमाने पर हमले करने की क्षमता विकसित कर ली है। दोनों संगठनों की, हिंसा में वृद्धि में बड़ी भूमिका रही है।
प्रतिबंधित बीएलए ने 11 मार्च को दक्षिण-पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान में एक ट्रेन का अपहरण कर लिया था, जिसमें कम से कम 25 लोग मारे गए थे।
वहीं, एक अन्य थिंक टैंक ‘पाकिस्तान इंस्टिट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज’ ने कहा कि रमजान के पहले तीन सप्ताह में 61 हमले हुए। इसने कहा कि पिछले साल रमजान के दौरान कुल 60 हमले हुए थे।
इसने यह भी कहा कि सुरक्षाकर्मियों के लिए यह एक दशक का सबसे घातक रमजान रहा, जिसमें 2 मार्च से 20 मार्च के बीच 56 लोग मारे गए।
‘पाकिस्तान इंस्टिट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज’ के प्रबंध निदेशक अब्दुल्ला खान ने आतंकी गतिविधियों में समग्र वृद्धि का हवाला दिया।
खान ने कहा, ‘‘विभिन्न समूहों का एकीकरण हुआ है। बलूच गुट आपस में हाथ मिला रहे हैं। कुछ इलाकों (उत्तर-पश्चिम) में हाफिज गुल बहादुर गुट पाकिस्तानी तालिबान से भी ज्यादा खतरनाक है, वह उनसे (हिंसा में) प्रतिस्पर्धा कर रहा है।’’
उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-इस्लाम जैसे प्रतिबंधित संगठन भी फिर से सक्रिय हो गए हैं, जो उत्तर-पश्चिमी प्रांत खैबर पख्तूनख्वा से अपनी गतिविधियां संचालित करते हैं।
पाकिस्तान ने पड़ोसी देश अफगानिस्तान की तालिबान सरकार पर ऐसे समूहों को पनाह देने का आरोप लगाते हुए कहा कि 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से आतंकवादी फल-फूल रहे हैं।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 31 March 2025 at 21:02 IST