अपडेटेड 3 May 2025 at 11:52 IST
मुंह में राम बगल में छुरी... UN से सऊदी तक बचाने की लगा रहा गुहार, लेकिन सीमा पर उकसावे वाली हरकत, क्या चाहता है पाकिस्तान?
अमेरिका ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत का खुलकर समर्थन किया है। इसके बाद अब पाकिस्तान ने सऊदी अरब समेत गल्फ देशों की शरण में पहुंच गया है।
India-Pakistan Tension: पाकिस्तान बुरी तरह से घबराया है। उसे डर है कि पहलगाम आतंकी हमले के बदले की आग में जल रहा उस पर किसी भी वक्त हमला कर सकता है। इसलिए तो वो दुनियाभर में खुद को बचाने के लिए गुहार लगाता फिर रहा है। कभी वो अमेरिका की शरण में पहुंच रहा है, तो कभी सऊदी अरब और संयुक्त राष्ट्र के सामने गिड़गिड़ा रहा है। इसके बाद भी सीमा पर उसकी 'नापाक' हरकतें थमने का नाम नहीं ले रही।
भारत के साथ चरम पर पहुंचे तनाव के बीच पाकिस्तान LoC पर माहौल बिगाड़ रहा है। गुरुवार (2 मई) रात को पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर लगातार 9वें दिन बिना उकसावे के भारतीय चेकपोस्ट पर गोलीबारी की। भारतीय सेना ने बताया कि कुपवाड़ा, उरी और अखनूर क्षेत्रों में नियंत्रण रेखा के पार पड़ोसी मुल्क ने छोटे हथियारों से गोलीबारी की। हर बार की तरह इस बार भी सेना ने उसकी इस हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया।
अमेरिका से मिली नसीहत, तो गल्फ देशों की शरण में पहुंचा पाकिस्तान
पाकिस्तान सीमा पर उकसाने वाली हरकत ऐसे समय में कर रहा है जब वो पहले ही हर पल भारत के हमले के खौफ में जी रहा है। इसके चलते पाकिस्तानी नेताओं की नीदें उड़ी हुई हैं और वो दर-दर भटककर दुनियाभर में भारत की रोकने की गुहार लगा रहे हैं। पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिका के सामने गुहार लगाई, लेकिन वहां से तो उसे भारत के साथ सहयोग करने की नसीहत ही मिल गई। अमेरिका ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत का खुलकर समर्थन किया है। इसके बाद पाकिस्तान ने सऊदी अरब समेत कई गल्फ देशों से भी मदद मांगी है।
राजदूतों के आगे रोया अपना रोना
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान में सऊदी अरब के राजदूत नवाफ बिन सईद अल-मलिकी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत पर दबाव डालने के लिए सऊदी अरब उनकी मदद करें। शहबाज ने कहा कि दक्षिण एशिया में पाकिस्तान शांति चाहता है।
इतना ही नहीं शहबाज शरीफ ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राजदूत हमद ओबैद इब्राहिम सलेम अल-जाबी और कुवैत के राजदूत नासिर अब्दुलरहमान जस्सर से भी मिलकर यही रोना रोया। राजदूतों संग मुलाकात के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कई सालों में अपने आतंकवाद विरोधी प्रयासों में बहुत बड़ी कुर्बानियां दी गई हैं। यह सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की रक्षा के लिए किया गया। इस दौरान बिना किसी सबूत के पहलगाम घटना से पाकिस्तान को जोड़ने वाले भारत के आरोपों को "निराधार" बताया और इसे सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने हमले की पारदर्शी और तटस्थ अंतरराष्ट्रीय जांच का अपना आह्वान भी दोहराया।
'हमें संयुक्त राष्ट्र में बैठक बुलाने का पूरा अधिकार'
दूसरी ओर बढ़ते तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र में भी बैठक बुलाने की बात कह रहा है। उसका कहना है कि उसे ऐसा करने का पूरा अधिकार है। UN में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बिगड़े तो पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक बुलाने का पूरा हक है। इसको लेकर UNSC के मौजूदा और पूर्व अध्यक्षों के साथ अन्य सदस्य देशों से भी चर्चा चल रही है।
अहमद ने कहा कि मसला जम्मू-कश्मीर की स्थिति से जुड़ा हुआ है। इसका असर सिर्फ भारत और पाकिस्तान तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे क्षेत्रीय और वैश्विक शांति भी प्रभावित हो सकती है। ऐसे में सुरक्षा परिषद को इसमें दखल देने का पूरा अधिकार है। पाकिस्तान समेत परिषद के किसी भी सदस्य के लिए सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाना, चर्चा की मांग करना और इस स्थिति पर विचार करना पूरी तरह से वैध होगा।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 3 May 2025 at 11:52 IST