अपडेटेड 21 May 2025 at 14:55 IST
कर्ज लेकर घी पी रहा पाकिस्तान... लेकिन भारत से मुंह की खाने वाले मुनीर के मौज पर इतना पैसा लुटाएगा कंगाल PAK
PAK में फील्ड मार्शल सबसे हाई लेवल रैंक है और इसे फाइव स्टार रैंक के रूप में जाना जाता है। कर्ज के पैसे असीम मुनीर को ताउम्र दी जाएगी ये सुविधा।
पाकिस्तान सरकार ने जनरल सैयद असीम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया है। पाकिस्तान में बीते पांच दशकों में पहली बार किसी आर्मी चीफ को यह रैंक मिली है। शहबाज कैबिनेट ने असीम मुनीर के प्रमोशन को मंजूरी दी है। PAK में फील्ड मार्शल सबसे हाई लेवल रैंक है और इसे फाइव स्टार रैंक के रूप में जाना जाता है। एक और पाकिस्तान कर्ज में डूबा हुआ है। वहीं, दूसरी ओर असीम मुनीर की मौज के लिए पैस लूटा रहा है। कर्ज के पैसे मुनीर ताउम्र तनख्वाह पाता रहेगा।
पहलगाम आतंकी हमले का बदला भारतीय सेना ने पाकिस्तान से ऑपरेशन सिंदूर के जरिए लिया। भारतीय सेना PAK के अंदर घुसकर कई आतंकी ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया। वहीं, दूसरी और पाकिस्तान अपनी हार को छिपाने के लिए आर्मी चीफ आसिम मुनीर को प्रमोशन का इनाम देते हुए फील्ड मार्शन बना दिया है। फील्ड मार्शल का पद सेना का सर्वोच्च सैन्य रैंक होता है, जो आजीवन मान प्रतिष्ठा देनेवाला पद है। सामान्य रूप से युद्धकाल या असाधारण सैन्य उपलब्धियों के लिए दिया जाता है।
पाकिस्तान के इतिहास में दूसरी बार लिया गया ये फैसला
पाकिस्तान के इतिहास में दूसरी बार फील्ड मार्शल की रैंक असीम मुनीर को दी गई है, जो भारत के ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से शुरू किए गए ऑपरेशन बन्यनुन मार्सूस में उनके सैन्य नेतृत्व, वीरता और पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए दिया गया है। ऐसा सिर्फ पाकिस्तान में ही हो सकता है, जहां किसी देश से मुंह की खाने के बाद भी आर्मी चीफ की पीठ थपथपाई जा रही है।
मुनीर से पहले अयूब खान ने खुद को बनाया था फील्ड मार्शल
पाकिस्तान सरकार के इस फैसले ने हारी हुई सेना के जनरल आसिम मुनीर को हीरो के रूप में पेश करने की कोशिश की है। इससे पहले जनरल अयूब खान ने तख्तापलट और राष्ट्रपति बनने के साथ-साथ 1959 में खुद को फील्ड मार्शल बना लिया था। अयूब खान पाकिस्तान सेना के कमांडर-इन-चीफ और बाद में देश के राष्ट्रपति बने थे। मुनीर का करियर सैन्य खुफिया क्षेत्र में अत्यधिक सक्रिय और महत्वपूर्ण रहा है। वह इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) और मिलिट्री इंटेलिजेंस (MI) दोनों का प्रमुख रह चुका है।
मुनीर को कर्ज के पैसे पर दी जाएगी ये सुविधा
पाकिस्तान में फील्ड मार्शल को आजीवन सैन्य अधिकारी माना जाता है और वह अपनी मृत्यु कर इसक रैंक और सुविधा का हकदार होता है। मतलब मुनीर घर बैठकर पाकिस्तान के पैसे पर मौज करता रहेगा। उसे पूरी जिंदगी सैलरी और अन्य भत्ते की सुविधा मिलती रहेगी और लग्जरी लाइफ जीता रहेगा। एक रिपोर्टस के मुताबिक, मुनीर को हर महीने करीब 2.5 लाख पाकिस्तानी रुपये सैलरी के तौर पर मिलते हैं, जो भारतीय रुपये में करीब ₹75,000 के करीब होते हैं।
पाकिस्तान पर फिर उठा सवाल
सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि की असीम मुनीर को यह पद और सुविधा ऐसे समय में देने की घोषणा की गई है जब पाकिस्तान बुरी तरह कर्ज में डूबा हुआ है। वो कटोरा लेकर मदद मांग रहा है। गिड़गिड़ाहट पर तरस खाकर हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर का लोन दिया है। मौजूदा समय में देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और कई इलाकों में भुखमरी जैसे हालात हैं। देश पर 130 अरब डॉलर से ज्यादा का भारी-भरकम कर्ज हो चुका है।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 21 May 2025 at 14:55 IST