अपडेटेड 12 October 2025 at 20:47 IST
बॉर्डर पर पिट रही मुनीर की सेना, पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच भीषण झड़प; क्या तालिबान के मंत्री मुत्ताकी की भारत यात्रा से बिफरे शहबाज?
पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर के कई इलाकों में दोनों सेनाओं के बीच झड़प अब भी जारी है। आसिम मुनीर की सेना बुरी तरह से पिट रही है।
पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर के कई इलाकों में दोनों सेनाओं के बीच झड़प अब भी जारी है। आसिम मुनीर की सेना बुरी तरह से पिट रही है। अफगानिस्तान की सेना ने पाकिस्तान के छक्के छुड़ा दिए हैं।
इस बीच एक सवाल विदेशी मीडिया में खूब उछाला जा रहा है। कई जानकार ये दावा कर रहे हैं कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर हमला करने के लिए ये वक्त इसलिए चुना, क्योंकि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी इस समय भारत दौरे पर हैं।
आपको बता दें कि तालिबान ने गुरुवार को काबुल और पूर्वी अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में हुए एक विस्फोट के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था। तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने काबुल में हुए विस्फोट की पुष्टि करते हुए कहा कि इसके कारणों की जांच की जा रही है, लेकिन उस समय उन्होंने इसकी गंभीरता को कम करके आंका। उन्होंने किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया, लेकिन फिर शुक्रवार को अफगान रक्षा मंत्रालय ने बिना कोई डिटेल शेयर किए काबुल और पक्तिका विस्फोटों के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया। माना जा रहा है कि यही हमला इस झड़प की वजह बनी।
क्या आमिर खान मुत्ताकी का भारत दौरा हमले की वजह?
जियोपॉलिटिक्स के जानकारों का कहना है कि मुत्ताकी की भारत यात्रा संभवतः पाकिस्तानी सेना द्वारा लिए गए अंतिम निर्णय का एक कारक था, जिसके तहत बड़े पैमाने पर तनाव बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
आपको बता दें कि पाकिस्तान और तालिबान, जो कभी साझा सुरक्षा हितों के लिए सहयोगी थे, इस्लामाबाद के इस दावे पर लगातार दुश्मनी बढ़ा रहे हैं कि तालिबान TTP को शरण दे रहा है। TTP एक सशस्त्र समूह है जिस पर पाकिस्तान के अंदर वर्षों से हमले करने का आरोप है। इस्लामाबाद स्थित थिंक टैंक, सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज के अनुसार, इस साल की पहली तीन तिमाहियों में कम से कम 2,414 मौतें दर्ज की गई हैं।
क्या है TTP?
2007 में अमेरिका के नेतृत्व वाले तथाकथित "आतंकवाद के खिलाफ युद्ध" के बीच उभरे TTP ने लंबे समय से पाकिस्तान के खिलाफ सशस्त्र अभियान चलाया है। यह समूह सख्त इस्लामी कानून लागू करना चाहता है, अपने बंदी सदस्यों की रिहाई की मांग करता है और पाकिस्तान के कबायली इलाकों के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में विलय को रद्द करने की मांग करता है।
पाकिस्तानी सरकार इस बात पर जोर देती है कि TTP, जो अफगान तालिबान से अलग है, लेकिन कई मायनों में वैचारिक रूप से उससे जुड़ा है, अफगानिस्तान की जमीन से काम करता है।
पाकिस्तान अफगानिस्तान को शरण देने का दोषी ठहराता है और बार-बार इस समूह को अरबी भाषा से लिए गए शब्द "ख्वारिज" से परिभाषित करता रहा है। हालांकि, अफगानिस्तान ने इन आरोपों को बार-बार खारिज किया है। पिछले महीने, तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने "भड़काऊ" बयानों के खिलाफ चेतावनी दी थी और सहयोग का आग्रह किया था।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 12 October 2025 at 20:47 IST