अपडेटेड 24 May 2025 at 19:27 IST
वजीरिस्तान में जुल्म ढा रही Pakistan Army, सेना ने अपने ही बच्चों पर किया ड्रोन हमला, 5 से 8 साल के 4 मासूमों और मां ने तोड़ा दम
पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट (PTM) के कार्यकर्ता फजल उर रहमान अफरीदी ने दावा किया है कि खैबर पख्तूनख्वा में पश्तूनों की आबादी वाले क्षेत्रों को पाकिस्तानी सेना अलग-अलग हथियारों, विशेष रूप से ड्रोनों के परीक्षण के लिए प्रयोगशाला की तरह इस्तेमाल कर रही है।
Pakistan Army drone strike : पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट (PTM) के कार्यकर्ता फजल उर रहमान अफरीदी ने पाकिस्तान सेना को जमकर लताड़ा है। पाकिस्तान सेना के ड्रोन हमले में उत्तरी वजीरिस्तान (Waziristan) के हुरमुज में चार मासूम छोटे बच्चों और उनकी मां की मौत हो गई है। हमले की निंदा करते हुए उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI पर दावा किया कि खैबर पख्तूनख्वा में पश्तूनों की आबादी वाले क्षेत्रों को पाकिस्तानी सेना द्वारा अलग-अलग हथियारों, विशेष रूप से ड्रोनों के परीक्षण के लिए प्रयोगशाला की तरह इस्तेमाल इस्तेमाल किया जा रहा है।
पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट पाकिस्तान में एक सामाजिक आंदोलन है, जो पश्तून समुदाय के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए काम करता है। PTM खैबर-पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांत में विशेष सक्रिय है। पाकिस्तान में ये ही वो इलाका है जहां स्थानीय लोगों को पाकिस्तानी सरकार और सेना की मनमानी और अत्याचार का सबसे अधिक सामना करना पड़ता है।
5 से 8 साल के बच्चे शिकार
फजल उर रहमान अफरीदी ने दावा किया कि यह पहला ड्रोन हमला नहीं है। पिछले कई सालों में उत्तरी-दक्षिणी वजीरिस्तान और टैंक जिलों में 32 से अधिक ड्रोन हमले पाक आर्मी की तरफ से किए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना लगातार निर्दोष पश्तून नागरिकों को निशाना बना रही है। इसमें विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों पर हमला किया जाता है। हाल ही में हुए ड्रोन हमले के शिकार 5 से 8 साल के बच्चे थे।
प्राकृतिक संसाधनों पर कब्जा करने का इरादा
पाक सेना ने दावा किया है कि उनका टारगेट उग्रवादी थे। सेना के इस दावे को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने 55,000 से अधिक तालिबान नेताओं और उनके परिवारों को पश्तून इलाकों में बसाया है। अब वे उन्हें आतंकवादी करार देकर हमले कर रहे हैं। अफरीदी ने कहा कि तालिबानी केवल पाकिस्तान सेना के मोहरे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पाक सेना के हमलों का असली मकसद पश्तूनों की संसाधन-संपन्न जमीनों पर कब्जा करना है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 24 May 2025 at 19:00 IST