अपडेटेड 1 May 2025 at 22:31 IST
Pakistan में होने वाला है तख्तापलट? शाहबाज शरीफ बस नाम के प्रधानमंत्री, आर्मी चीफ असीम मुनीर ले रहे सारे फैसले!
आर्मी चीफ मुनीर असीम मुनीर अगर तख्तापलट कर देते हैं, तो यह कोई नहीं बात नहीं होगी। पाकिस्तान के इतिहास में पहले भी 1958, 1977 और 1999 में ऐसा हो चुका है।
India Vs Pakistan : भारत की कूटनीतिक स्ट्राइक का असर पाकिस्तान में दिखने लगा है। 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित कर दिया, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा रद्द किए और सैन्य कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। अब सूत्रों के हवाले से खबर है कि पाकिस्तान में जल्द ही तख्तापलट होने वाला है।
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की सेना ने देश के निर्णय लेने लगभग शुरू कर दिए हैं और प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पहले से ही अस्थिर सरकार को किनारे कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना का दबदबा बढ़ गया है, भारत की सैन्य कार्रवाई के डर के बीच वो ही बड़े फैसले ले रही है। सेना और सरकार में तनातनी के बीच पाकिस्तान में बुधवार आधी रात को बड़ा ऐलान हुआ और ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद असीम मलिक को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) की जिम्मेदारी सौंपी गई।
आर्मी चीफ शहबाज से नाराज!
पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर तख्तापलट की तैयारी कर रहे हैं। रातों रात ISI चीफ को पाक का NSA बनाना इस तरफ इस इशारा करता है। असीम मलिक को आर्मी चीफ मुनीर का करीबी माना जाता है। बताया जा रहा है कि आर्मी चीफ, पीएम शहबाज से नाराज हैं। बिना शहबाज की रजामंदी के ही असीम मलिक को NSA बनाया गया है। भारत और पाकिस्तान में चल रही तनातनी के बीच सीमा पार अब सेना और ISI ही फैसला लेगी। पाकिस्तान सरकार में आर्मी का दखल शुरू हो गया है, शहबाज अब अकेले कोई फैसला नहीं ले पाएंगे।
पाकिस्तान में तख्तापलट का इतिहास
आर्मी चीफ मुनीर असीम मुनीर अगर तख्तापलट कर देते हैं, तो यह कोई नहीं बात नहीं होगी। पाकिस्तान के इतिहास में पहले भी 1958, 1977 और 1999 में ऐसा हो चुका है। पाकिस्तान में इसकी शुरुआत तत्कालीन आर्मी चीफ अयूब खान ने की थी। साल 1958 में इस्कंदर मिर्जा पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे उनकी सरकार का तख्तापलट अयूब खान ने किया था।
इसके बाद साल 1977 में जुल्फिकार अली भुट्टो को जिया-उल-हक ने हटाया। 1977 में जुल्फिकार भुट्टो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे और आर्मी चीफ जियाउल हक ने उन्हें फांसी पर लटकाया था। इसके बाद साल 1999 में नवाज शरीफ ने भी ये दौर देखा। 1999 में परवेज मुशर्रफ पाक आर्मी चीफ थे और उन्होंने नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटाया था। अब बारी शहबाज शरीफ के हटने की है।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ कई दिनों से सार्वजनिक रूप से नजर नहीं आ रहे थे। वो अब प्रभावी रूप से एक औपचारिक उपस्थिति तक सीमित हो गए हैं। उनकी भूमिका खोखली हो गई है, क्योंकि प्रमुख रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और भारत के प्रति प्रतिक्रिया से जुड़े सारे फैसले अब पूरी तरह से जनरल असीम मुनीर और उनके ISI प्रमुख से NSA बने मुहम्मद असीम मलिक के हाथ में है। पाकिस्तान में लोकतंत्र केवल सतही है, जिसका मुखौटा जल्द ही उतर जाएगा।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 1 May 2025 at 22:31 IST