अपडेटेड 14 October 2025 at 10:00 IST
2 कौड़ी की इज्जत... पाकिस्तान के रक्षा मंत्री और ISI प्रमुख को वीजा नहीं दे रहा अफगानिस्तान, हाई-लेवल डेलिगेशन ने 3 बार भेजी रिक्वेस्ट
अफगानिस्तान की सरकार ने पाकिस्तान के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल को वीजा जारी करने से साफ इनकार कर दिया है। इस प्रतिनिधिमंडल में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ, आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद आसिम मलिक और दो वरिष्ठ जनरल शामिल थे।
दुनियाभर में आतंक की खेती के लिए कुख्यात पाकिस्तान अब चौतरफा घिर गया है। इस्लामाबाद सहित कई शहरों में तहरीक-ए-लब्बैक (TLP) ने गृह युद्ध छेड़ रखा है। बलूचिस्तान में बगावत की आग भड़क रही है, PoK में आजादी की मांग उठ रही है और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के लड़ाके पाकिस्तान में घुसकर मार रहे हैं और बची-खुची कसर डूरंड लाइन पर अफगानिस्तान पूरा कर रहा है। इसके अलावा पाक के रक्षा मंत्री, आईएसआई प्रमुख और दो अन्य पाकिस्तानी जनरलों को अफगानिस्तान वीजा नहीं दे रहा है।
अफगानी फौज डूरंड लाइन पर पाक चौकियों से सैनिकों को खदेड़कर कब्जा कर रही है। इस बीच अफगान मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ, आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक और दो अन्य पाकिस्तानी जनरलों ने पिछले तीन दिनों में अफगानिस्तान की यात्रा के लिए तीन अलग-अलग वीजा रिक्वेस्ट भेजे हैं। काबुल ने इन अनुरोधों को बार-बार खारिज कर दिया है।
आधिकारिक रूप से भेजी थी रिक्वेस्ट
खबरों के मुताबिक, पाकिस्तानी अधिकारियों ने वीजा रिक्वेस्ट आधिकारिक रूप से काबुल भेजी थी, लेकिन तालिबान प्रशासन ने उन्हें वीजा जारी करने से इनकार कर दिया। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि काबुल का यह फैसला इस्लामिक अमीरात की राजनयिक नीति में बदलाव का संकेत देता है। दोनों देशों के बीच डूरंड लाइन पर सशस्त्र संघर्ष थम गए हैं, लेकिन सैन्य बलों की तैनाती में कोई कमी नहीं आई है।
क्यों नहीं मिल रहा वीजा?
अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के हाई-लेवल डेलिगेशन के आधिकारिक के तीन बार वीजा अनुरोध को खारिज किया है। पाकिस्तान ने तीन बार वीजा आवेदन भेजे, लेकिन हर बार काबुल ने उन्हें अस्वीकार कर दिया। अफगान अधिकारियों का कहना है कि यह कदम पाकिस्तान द्वारा हाल ही में किए गए हवाई हमलों और हवाई क्षेत्र के उल्लंघन के जवाब में उठाया गया है। विशेष रूप से पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में नागरिक इलाकों पर हमले किए थे, जिससे अफगानिस्तान में गुस्सा भड़क उठा है।
अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात के प्रवक्ताओं ने स्पष्ट कहा है कि जब उनके नागरिकों पर हमले हो रहे हों, तब पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की उम्मीद नहीं की जा सकती। यह घटना न केवल एक कूटनीतिक झटका है, बल्कि अफगानिस्तान की संप्रभुता की रक्षा के लिए उठाया गया मजबूत कदम भी माना जा रहा है।
दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा विवाद, आतंकवाद के आरोप और पारस्परिक हमले लंबे समय से जारी हैं। इस तरह के फैसले से द्विपक्षीय संबंधों में और गिरावट आ सकती है। अफगानिस्तान का यह रुख पाकिस्तान को साफ संदेश देता है कि वह बातचीत के लिए तैयार नहीं है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 14 October 2025 at 10:00 IST