अपडेटेड 13 June 2024 at 18:18 IST

कुवैत अग्निकांड: पिता ने हाथ पर बने टैटू से की बेटे के शव की पहचान

कुवैत में एक बहुमंजिला इमारत में लगी भीषण आग में केरल के रहने वाले श्रीहरि की भी मौत हो गई। उनके पिता प्रदीप अपने बेटे के हाथ पर बने टैटू से शव की पहचान कर पाए।

कुवैत अग्निकांड | Image: PTI

दक्षिणी कुवैत के मंगफ क्षेत्र में एक बहुमंजिला इमारत में लगी भीषण आग में केरल के रहने वाले श्रीहरि की भी मौत हो गई। उनके पिता प्रदीप अपने 27 वर्षीय बेटे के हाथ पर बने टैटू से उसके शव की पहचान कर पाए। प्रदीप ने बताया कि कुवैत के अधिकारियों ने उन्हें अस्पताल के शवगृह में रखे एक शव की पहचान करने के लिए बुलाया था, जिसमें उन्होंने बेटे के हाथ पर बने टैटू से उसकी पहचान की।

प्रदीप ने बृहस्पतिवार को कुवैत में एक मलयालम समाचार चैनल को रोते हुए बताया, ''जब मैं वहां गया तो देखा कि उसका चेहरा पूरी तरह सूजा हुआ था और नाक पर कालिख लगी हुई थी। ऐसे में मैं अपने बेटे के शव की पहचान नहीं कर पा रहा था। फिर मैंने अधिकारियों को बताया कि उसके हाथ पर एक टैटू है और उसी के आधार पर श्रीहरि की पहचान की गई।''

श्रीहरि पिछले सप्ताह पांच जून को ही केरल से कुवैत लौटा था। वह और उसके पिता दोनों एक ही कंपनी में काम करते थे। प्रदीप पिछले आठ सालों से कुवैत में काम कर रहा था। इससे पहले दिन में परिवार के एक मित्र ने संवाददाताओं को बताया कि श्रीहरि एक सप्ताह पहले ही कुवैत वापस लौटा था, लेकिन अब उसकी मौत की खबर गांव पहुंची। उन्होंने कहा, ''कुवैत लौटने के मुश्किल से एक हफ्ते बाद ही हमें श्रीहरि की मौत की जानकारी मिली। हमें कल दोपहर को इस बारे में पता चला। विभिन्न समाचार चैनलों पर इस त्रासदी की खबरें प्रसारित होने के बाद श्रहरि के पिता ने हमें इस बारे में जानकारी दी।''

उन्होंने बताया कि यांत्रिक अभियंता बनने से पहले श्रीहरि ने कुवैत की एक सुपरमार्केट में भी काम किया था। श्रीहरि के परिवार के एक दोस्त ने कहा, ''उसके पिता आज केरल लौट सकते हैं और कल श्रीहरि का पार्थिव शरीर भारत लाया जा सकता है।''

न तो केंद्र सरकार, न राज्य सरकार और न ही कुवैत स्थित भारतीय दूतावास ने आग में मारे गए भारतीयों की पहचान की आधिकारिक पुष्टि की है। कुवैत के दक्षिणी अहमदी गवर्नरेट के मंगाफ क्षेत्र में स्थित सात मंजिला इमारत की रसोई में बुधवार को आग लगने से 49 विदेशी मजदूरों की मौत हुई थी और 50 अन्य घायल हुए थे। मृतकों में करीब 40 भारतीय हैं। इमारत में 195 प्रवासी मजदूर रह रहे थे। गृह मंत्रालय और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आग तड़के चार बजे के बाद उस समय लगी, जब इमारत में रहने वाले 196 श्रमिकों में से ज्यादातर सो रहे थे। श्रमिकों में सभी पुरुष थे।

 

 

Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 13 June 2024 at 17:49 IST