अपडेटेड 20 August 2025 at 23:41 IST
जुमे की नमाज नहीं पढ़ी तो होगी 2 साल की जेल, भुगतना पड़ सकता है भारी जुर्माना भी, इस देश की सरकार का नया फरमान
Friday prayer in Malaysia: टेरेंगानु राज्य, मलेशिया का एक ऐसा राज्य है, जहां के विधानसभा में एक भी विपक्ष का नेता नहीं है। इस राज्य में 2022 में विधानसभा चुनाव हुआ था, जिसमें प्रदेश की सभी 32 सीटों पर पैन-मलेशियाई इस्लामिक पार्टी (PAS) के उम्मीदवारों की जीत हुई थी। इस राज्य की जनसंख्या करीब 12 लाख है और यहां अधिकतर मलय मुस्लिम रहते हैं।
Friday prayer in Malaysia: मलेशिया का नाम लेते ही आपके दिमाग में क्या आता है? कई चीजें आती होंगी लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि एक चीज जो खासकर सबसे पहले आती है वह है वहां की गगनचुंबी इमारतें! जी हां, एशिया महाद्वीप के इस देश का नाम लेते ही बड़ी-बड़ी इमारतें, पहाड़ियां और सुंदर झीलें व जंगलें भी आपके दिमाग में आती होंगी। इतनी सुंदर जगह पर रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लिए जुमे की नमाज को लेकर एक नया फरमान जारी किया गया है।
यह फरमान मलेशिया के एक राज्य टेरेंगानु में वहां की सत्ताधारी पार्टी पैन-मलेशियाई इस्लामिक पार्टी के द्वारा सुनाया गया है। इतना ही नहीं, अगर वहां के मुस्लिम समुदाय व लोग इसका पालन नहीं करते हैं तो उनको जुर्माने के साथ जेल भी हो सकती है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं…
62 हजार रुपये जुर्माने के साथ जेल में डालने का फरमान
विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मलेशिया के टेरेंगानु राज्य में जुमे की नमाज न पढ़ने वालों के लिए जुर्माने के साथ जेल में डालने का सख्त फरमान सुनाया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, टेरेंगानु राज्य सरकार ने चेतावनी दी है कि वहां की सरकार शरिया कानून को पूरी तरह से लागू कर सकती है। ताजा जानकारी के अनुसार, इस राज्य में बिना किसी वैध वजह से शुक्रवार की नमाज या जुमे की नमाज छोड़ने पर मुस्लिम पुरुषों को जेल होगी। यह जेल की सजा दो साल की होगी। इतना ही नहीं, इसके अलावा उनपर 3000 रिंगिट (करीब 62000 भारतीय रुपया) का जुर्माना भी लग सकता है या फिर दोनों एक साथ लागू हो सकता है।
विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस फरमान से पहले उन लोगों को ही सजा (अधिकतम 6 माह की जेल व जुर्माना) दी जाती थी, जो लोग लगातार तीन शुक्रवार की नमाज नहीं पढ़ पाते थे। लेकिन अब यह फरमान हर एक जुमे की नमाज को लेकर आया है। विदेशी मीडिया के मुताबिक, टेरेंगानु राज्य की कार्यकारी परिषद के सदस्य मुहम्मद खलील अब्दुल हादी ने बताया है कि यह याद दिलाना जरूरी है क्योंकि शुक्रवार की प्रार्थना (जुमे की नमाज) न केवल एक धार्मिक प्रतीक है, बल्कि मुसलमानों के बीच आज्ञाकारी होने की भी अभिव्यक्ति है।
राज्य के विधानसभा में कोई विपक्ष नहीं!
विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, टेरेंगानु राज्य, मलेशिया का एक ऐसा राज्य है, जहां के विधानसभा में एक भी विपक्ष का नेता नहीं है। इस राज्य में 2022 में विधानसभा चुनाव हुआ था, जिसमें प्रदेश की सभी 32 सीटों पर पैन-मलेशियाई इस्लामिक पार्टी (PAS) के उम्मीदवारों की जीत हुई थी। इस राज्य की जनसंख्या करीब 12 लाख है और यहां अधिकतर मलय मुस्लिम रहते हैं।
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 20 August 2025 at 23:40 IST