अपडेटेड 25 October 2025 at 08:16 IST
पाकिस्तान की काली करतूतों पर FATF की नजर, आतंकियों की फंडिंग को लेकर दी कड़ी चेतावनी, कहा- सुधर जाओ...
Terror Funding: FATF अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए साफ शब्दों में कहा कि कोई भी देश जो ग्रे लिस्ट में है या फिर ग्रे लिस्ट से बाहर भी है, वो अपराधियों, आतंकियों के लिए फंडिंग जैसी गतिविधियों के लिए बुलेटप्रूफ नहीं है।
FATF warns Pakistan: आतंकियों को संरक्षण देने वाले पाकिस्तान की काली करतूतें किसी से छिपी नहीं है। दशकों से पाकिस्तान आतंकियों को पालता-पोसता आया है। अब आतंकियों को फंडिंग को लेकर एक बार फिर उसे कड़ी फटकार लगी है। वैश्विक आतंकी वित्तपोषण पर नजर रखने वाली संस्था वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (Financial Action Task Force) ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो भले ही FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर हो, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वो आतंकियों को फंडिंग करता रहेगा।
पाकिस्तान चाहे कितना भी क्यों ना नकार लें, उस पर आतंकियों को पनाह देने और फंडिंग के आरोप लगते आए हैं। ऑपरेशन सिंदूर में पाक में घुसकर जैश के आतंकियों ठिकानों को नेस्ताबूत कर भारत ने एक बार फिर उसे दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया।
FAFT की अध्यक्ष ने पाकिस्तान को चेताया
FATF की अध्यक्ष एलिसा डी एंडा माद्राजो ने पाकिस्तान को लताड़ा है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश जो ग्रे लिस्ट में है या फिर ग्रे लिस्ट से बाहर भी है, वो अपराधियों, आतंकियों के लिए फंडिंग जैसी गतिविधियों के लिए बुलेटप्रूफ नहीं है। इसलिए हम सभी न्यायक्षेत्रों को, जिनमें वे देश भी शामिल हैं जिन्हें सूची से हटा दिया गया है, उन्हें अपराधों को रोकने के लिए एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और एंटी-टेरर फाइनेंसिंग उपायों को लगातार लागू करते रहना चाहिए।
करतूतों पर रखी जा रही नजर
बता दें कि अक्टूबर 2022 में पाकिस्तान को FATF की 'ग्रे लिस्ट' से हटा दिया गया था। वहीं, यह सुनिश्चित करने के लिए कि वह आतंकवाद के वित्तपोषण विरोधी उपायों को लागू कर रहा है, वो लगातार निगरानी पर भी बना हुआ है। पाकिस्तान FATF का सदस्य नहीं है, इसलिए एशिया प्रशांत समूह (APG) उस पर नजर रख रहा है।
पाकिस्तान को यह चेतावनी ऐसे समय पर मिली है, जब हालिया कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे आतंकी संगठन फिर फंड जुटाने में सक्रिय हो गए हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार ये संगठन डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स और ऑनलाइन वॉलेट्स से पैसे इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं। बताया ये भी गया कि ये पैसे बैंक खातों की जगह सीधा मसूद अजहर और उसके परिवार के सदस्यों के डिजिटल वॉलेट में जा रहे है। इनका इस्तेमाल आतंकी कैंपों और हथियार खरीदने के लिए हो रहा है।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 25 October 2025 at 08:16 IST